Page 7 - Aahaar Kranti Hindi July 2021
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 तपयाल का फल
फाइटोमेडिसिन्स का भांिार
ीपाांजन घोष
जुलाई 2021
आहार काांति 7
 द प ज चि म ब ं ग ा ल क े प रुु ज ल य ा ज ि ल े म ें ससथि अिोधया पहातड़यों की याता में
सबसे पहले हमारा पररचय तपयाल
से हुआ, जिसे उत्तर भारि में धचरौंिी के नाम
से िानिे हैं। तपयाल पीला और नीला रं ग जलए
हुए बेरी िैसा एक फल है। अिोधया पहाड़ी हुए फल । पू्वशी घाट प्वि्भ श्रेणी का ही एक त्वसिाररि
भाग है। यह पहाड़ी बहुि से जछपे हुए खिानों
का घर है। तपयाल उनहीं में से एक है। यह
फल सथानीय तन्वाजसयों के बीच तपयाल
पाका नाम से मशहर है। यह तद्बीिपती ्वृक्ष
बचु ानातनया कोचीनधचनेंजसस का फल होिा है।
यह ्वृक्ष आम, कािू िथा तपसिा का निदीकी
ररशिेदार है। उषणकटटबं धीय ्वनों का यह ्वृक्ष
आलमं डएिे, कै लमपोंग- नट, कु डिपपा आलमं ड
या हैधमलटन मोंसमबन नामों से िाना िािा है।
पर इसके दो नाम सबसे ज्ादा मशहर हैं;
तपयाल और धचरौंिी। सं सकृ ि में इसे तप्रयाला
या प्रस्वक नाम से िाना िािा है; िबतक तह्र दी,
बां गला, मराठी िथा नेपाली में इसे धचरौंिी या
तपयाल नाम से िानिे हैं। कन्नड़ और गिु रािी
में इसे चरोली; मलयालम में नरु ामरम; उतड़या
में चारु; िधमल में चारम; और िेलगु ु में इसे चार
नाम से िाना िािा है।
तपयाल का पेड़ भारि, मयां मार और मलेशशया में प्राकृ तिक रूप से उगिा है।
यह उत्तरी, पजचिमी और मधय भारि के उषणकटटबं धीय पणप्भ ािी ्वनों में मानसून के मौसम में उगिा है। तपयाल का ्वृक्ष तहमालय की िलहटी में 900 मी. से लेकर 1200 मी. िक की ऊं चाई पर भी पाया िािा है।
वपयाल पीला और नीले रं ग के बेरी जैसा एक फल ह।ै यह वृक्ष आम, काजू त्ा वपसता का नजदीक ररशतेदार ह।ै वपयाल धीमी दर से बढने वाला, फै ला हुआ, पणप्त ाती वृक्ष ह।ै
 पियाल के ताजे- ताजे इकट्े ककए
फोटो : सुपरिया सामंत
 


































































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