Page 59 - Not Equal to Love
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नॉट इ वल टू लव


                                      - पी5ड़त नह+ं कहा ले5कन आपने खुद ह+ माना 5क आपक
                                        इंटेले_ चुअल ज़/रत पूर+ नह+ं हो रह+ ह। घर क भौितक
                                        सुIवधाएं इंटेले_ चुअल ज़/रत* क भरपाई नह+ं कर पातीं।
                                        घर म कमती सामान या चार नौकर ह+ सब कु छ नह+ं
                                        होते। आपक ज़/रत इनसे ऊपर क ह। यह+ सह+ होगा

                                        5क अपने बौI\क 5हत और अपनी मानिसक ज़/रत* के
                                        िलए कु छ कर।
                                      - म अपने िलए इसी ृं ट पर सॉर+ महसूस करती हूं। तभी
                                        तो बार बार आपसे मदद मांगती हूं। ये अलग बात है 5क

                                        मदद के  िलए आपका बढ़ा हुआ हाथ भी नह+ं थाम पाती।
                                      - दुँ यंत जी क दो लाइन ह-
                                            मेरे सीने म न सह+ तेरे सीने म सह+

                                            हो कह+ं भी आग ले5कन आग जलनी चा5हये

                                      - पूर+ ग़ज़ल दगे सर
                                      - ये लीOजये
                                             हो गई है पीर पव<त-सी Iपघलनी चा5हए,

                                             इस 5हमालय से कोई गंगा िनकलनी चा5हए।
                                             आज यह द+वार, परद* क तरह 5हलने लगी,
                                             शत< ले5कन थी 5क ये बुिनयाद 5हलनी चा5हए।

                                             हर सड़क पर, हर गली म, हर नगर, हर गाँव म,
                                             हाथ लहराते हुए हर लाश चलनी चा5हए।



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