Page 39 - Vidyalaya Magazine- Kendriya Vidyalaya Rishikesh
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                  सम्बंधवाचिकाचि पदाचि                         व्यावसाचयकाचि पदाचि


                  पापा – पपता                                  वैद्य - पिपित्सिः
                  मााँ – माता                                  माली - मालािारः

                  बड़ा भाई – अग्रजः                             सुनार - स्वर्णिारः
                  बड़ी बहन – अग्रजा                             लुहार– लौहिारः

                  छोटा भाई – अनुजः                             पिसान – िृषिः
                  छोटी बहन – अनुजा                             जुलाहा – तन्तुवायः

                                                                    ू
                  दादा – पपतामहः                               मजदर – श्रपमिः
                                                                ु
                  दादी – पपतामही                               दिानदार – आपपर्िः



                                                                                                    आाँिल पसिंह

                                                                                                       अष्टमी ब

                                              xqjks% oUnuk







                ध्यानमूलिं गुरोमूणप्णः, पूजामूलिं गुरुपदम्|


                मिंत्रमूलिं गुरोवाणक्यिं मोक्षमूलिं गुरुिृपा ||

                      गुरुर्ब्णह्मा गुरुपवणषर्ुः गुरुदेवो महेश्वरः|


                      गुरुः साक्षात् परिं र्ब्ह्म तस्मै श्रीगुरवे नमः||


                िायेन वािा मनसेंपियैवाण


                  बुद्ध्यात्मना वा प्रिृतेः स्वभावात्|


                िरोपम यद्यत् सिलिं परस्मै




                                                                                                    आाँिल पसिंह

                                                                                                       अष्टमी ब
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