Page 30 - CHETNA January 2019 - March 2019FINAL_Neat FLIP
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मुरादपुर पहिंची तो इतने वषों के  अिंतराल के  बाद उसे कािी क ु छ बदला-
                   ु
        बदला तो नज़र आया ही साथ ही वे लोर् उसे अत्यगधक बूढ़े, थके , और

        जज़िंदर्ी  से  परेशान  नज़र  आये  जजनके   मध्य  वह  कभी  खेली,  पली  और
        बढ़ी थी. शायद इसका कारि ये भी हो सकता था कक उसने इन सबको
        और साथ के  रहने वालों को एक लम्बे अरसे के  बाद ही देखा था. किर

        सब लोर्ों से शमलने-जुलने के  बाद वह अपनी अन्तरिंर् सहेली राजी को
        साथ लेकर पास के  ही नीम के  पेड़ के  तले जाकर बैठ र्ई. वह जानती
        थी कक इसी पेड़ के  नीचे बैठ कर उसने न जाने ककतनी ही ईंट- र्ुटैयों

        और र्ुडड़यों-र्ुड्डों के  खेल खेले होंर्े? एक-एक करके  अतीत के  जब सारे
        गचि उसकी आँखों  के   सामने  बनने  लर्े  तो इसी मध्य  राजी  ने  उसके
        ववचारों को तोड़ हदया. वह बोली कक,
             'अमरीका से दस वषों के  पश्चात तू आई है, जाहहर है कक मन में

        बीते हदनों की ढेरों-ढेर यादें भी साथ भर कर लाई होर्ी?'
             राजी के  इस प्रकार से कहने पर बदली ने उसे एक सिंशय से देखा
        तो राजी आर्े बोली कक,

             'तू मुझसे क ु छ भी नहीिं तछपा सकती है. यहद शादी के  इरादे से आई
        है तो यह तेरे शलए अच्छी खबर नहीिं हो सकती.'
             'तेरा मतलब?'

             'मैं जानती हँ कक तुझे तो ककसी ने कोई भी खबर नहीिं दी होर्ी.
                        ू
        मर्र. . .'
             'मर्र क्या?'

             'तू जजससे अपना वववाह करना चाहती थी वह तेरे अमरीका जाने के
        बाद ही इस दुतनया से चल बसा था.'
             'क्या कहती है तू. . .? आश्चयच से बदली के  कान खटके  तो राजी
        आर्े बोली कक,

             'हािं, शायद तेरा ववछोह उससे बदाचश्त नहीिं हो सका होर्ा? मृत्यु तो
        उसकी  तनमोतनया  से  हई  थी,  लेककन  सुनने  में  यह  आया  था  कक  उसने
                             ु
        अपना  इलाज  जानबूझ  कर  करवाया  ही  नहीिं  था.  वह  तेरी  जुदाई  सहन
        नहीिं कर सका था.'
                               30 |   चेतना जनवरी  2019 - माचच 2019
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