Page 34 - CHETNA January 2019 - March 2019FINAL_Neat FLIP
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था. क ु छेक छािों ने पानी आहद लाकर सहायता की तो थोड़ी ही देर में
बदली को होश आ र्या था. बाद में वह किर अपने घर भी अिंबर के
साथ ही ररक्शे में बैठ कर आ र्ई थी.
दूसरे हदन रवववार था. सूरज उर् आया था. चचच की सववचस की
घिंहटयाँ कब बजी और कब आराधना समाप्त भी हो र्ई, बदली जब
सोकर उठी थी तब तक धूप कािी चढ़ आई थी. यूँ भी वपछले हदन की
हई दुघचटना के कारि अभी भी उसके सारे शरीर में कािी ददच भरा हआ
ु
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था. वह अभी अपना हाथ-मुहिं धोने ही जा रही थी कक उसको पता चला
कक अिंबर चचच की आराधना के पश्चात सीधा उससे ही शमलने आया है.
सो वह जैसे ही उसके सामने आई अिंबर उससे मुस्कराते हए बोला,
ु
'र्ुड मोतनिंर् ! अब कै सी तत्रबयत है?'
'अच्छी हँ.'
ू
'कोई र्ड़बड़ तो नहीिं है?' अिंबर कहकर हज़का सा मुस्कराया तो
बदली के जैसे सारे होश अचानक ही उड़ र्ये. वह आश्चयच से, अपना मुहिं
िाड़ते हए बोली कक,
ु
'तुम्हारा कहने का मतलब ?'
'मतलब . . .यही . . . कक . . .' कहते-कहते अिंबर थमा तो बदली
ने उसे टोक हदया. किर वह थोड़ी कठोरता से उससे बोली,
'बेकार की बात मत करो. हाथ में बाइबल है और तुम्हें शमच नहीिं
आती ऐसी बात करते हए? तुम खुद लड़की होते तो पता चलता कक एक
ु
लड़की को युवा होते ही कै सी-कै सी जजस्मानी और मानशसक परेशातनयािं
उठानी पडती हैं?'
'तुम तो अपने आपको बड़ी तीसमारखािं समझती थीिं. एक छोटी सी
'नेचरल' परेशानी क्या आई तो बेहोश होकर गर्र पडीिं?'
'नही, तुम्हें ज़रा सा बुखार आता है तो मैय्या-दैय्या करने लर्ते हो.
उसमें बड़ी बहादुरी है?'
'अच्छा अब मुझ पर और नाराज़ मत होओ. मैं तो के वल तुम्हारा
हाल-चाल पूछने और यह बताने आया था कक कल जब कालेज जाओ तो
अपने आपको पहले से तैयार करके ही आना.'
34 | चेतना जनवरी 2019 - माचच 2019