Page 35 - CHETNA January 2019 - March 2019FINAL_Neat FLIP
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'मतलब ?'
'यही कक, क्लास के सारे स्ट ू डेंट्स तुम्हारे बारे में तरह-तरह की बातें
करने लर्े हैं.'
'करने दो. मुझे उनकी परवा नहीिं है. मैंने कोई पाप थोड़े ही ककया
है.'
'पाप तो ककया है . . .लेककन . . .' कहते हए अिंबर ने व्यिंर् से
ु
अपने होठ काटे तो बदली ने सिंशय से उसे देखते हए पूछा कक,
ु
'कै सा पाप . . .?'
'अब देखो, सारी क्लास के सामने मैंने एक युवा लड़की को छ ु आ,
उसे र्ोद में उठाया और . . .'
'शटअप !' अिंबर ने अभी अपनी बात भी पूरी नहीिं की थी कक बदली
ने उसे आर्े बोलने को मना कर हदया तो वह किर से बोला कक,
'सौरी ! नाराज़ मत होओ. अब जाता हँ. लेककन इतना याद रखना
ू
कक जब भी गर्रोर्ी तो कोई तो एक है जो तुम्हें उठाने के शलए हरदम
तैयार है.' कहकर अिंबर चला र्या तो बदली उसको जाते हए मन ही
ु
मन मुस्कराते हए देखती रही. वह जानती थी कक अिंबर का स्वभाव ही
ु
व्यिंर् करने का है. अक्सर ही वह उसको समय-असमय व्यिंर् से छेड़
हदया करता था.
किर दोनों के कालेज जीवन की इसी प्रकार की नोंक-झोंक तथा
आपस की छेड़ा-छाड़ी में कब दोनों एक-दूसरे के इसकदर करीब आ र्ये
कक अब दोनों ही अपने भववष्य के घरोंदे बनाने के सपने देखने लर्े थे.
इस प्रकार कक कोई भी समय होता या किर दोनों कभी भी अपना
अततररक्त समय तनकालकर अवसर पाते ही एक-दूसरे का हाथ थाम लेते
थे. सो जब दोनों का प्यार परवान चढ़ने लर्ा और उन दोनों की चाहतों
की बातें जब हवाओिं में बहने लर्ीिं तो सबसे अगधक परेशानी बस्ती के
रहनेवालों को तो हई ही, साथ ही बदली के मािं-बाप दोनों ही के कान
ु
और आँखें भी सतकच हो र्ईं. बदली का रिंर्-ढिंर् देख कर उन्हें ये समझते
देर नहीिं लर्ी कक लड़की के कदम मुहब्बत की उन राहों पर चल पड़े हैं
कक जजन पर वे खुद भी कभी चले थे. मर्र बदली के वपता ने किर भी
35 | चेतना जनवरी 2019 - माचच 2019