Page 40 - CHETNA January 2019 - March 2019FINAL_Neat FLIP
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जाता. अिंबर के  वपता को भी नहीिं मालुम है कक तू उसकी लड़की है.'

             '?'
             बदली के  सारे निंर्े बदन पर जैसे काला नार् लोट कर चला र्या?
        आँखों  के   सामने  लाल-पीले  शसतारे  नाचने  लर्े.  उसे  लर्ा  कक  जैसे
        अचानक ही कहीिं से ढेरों-ढेर अबाबीलें आईं और उसके  बदन से गचपक

        कर उसको नोंचने-खानें लर्ी हैं. उसके  मन में धक् सी होकर रह र्ई.
        वह सोचकर ही रह र्ई कक क्या होता तब जब कक उसके  कदम अिंबर के
        साथ कहीिं सीमा से आर्े बढ़ चुके  होते? वह तो तब कहीिं की भी नहीिं रह

        पाती. ऐसा पल भर को जैसे ही बदली ने सोचा तो सोचने ही माि से
        उसका अिंर्-अिंर् काँप र्या.
             अपनी मािं के  मुख से ऐसी अजीबो-र्रीब, भेद-भरी रहस्यमयी बात
        को  सुनकर  बदली  क ु छ  भी  नहीिं  कह  सकी.  के वल  ऐसे में  जो  वह  कर

        सकती थी, उसने वही ककया. वह कटी हई टहनी के  समान अपनी मािं की
                                            ु
        र्ोद में उससे शलपटकर के वल ि ू ट-ि ू टकर रोने लर्ी.
             हदन बदले, हवाओिं का रुख क ु छ नमच हआ तो वास्तववकता एहसास
                                                ु
        होते ही बदली ने तब मन ही मन अिंबर से अपने प्यार के  ररश्ते मज़मून
        बदलकर उससे ककनारा कर शलया. इस प्रकार कक वह अब उसको अपने
        भाई के  ररश्ते से देखने लर्ी. प्यार की जमी हई हसरतों में कसक और
                                                   ु
        ललक के  स्थान पर सम्मान और आदशच के  गचन्ह पनपने लर्े. प्यार की
        दूररयािं इस प्रकार से तब्दील हईं कक ज़रा सी आहत पाते ही वह सचेत
                                    ु
        रहने लर्ी. अब हािंलाकक, अिंबर की जुदाई का ददच पववि प्यार के  कोमल

        एहसास में बदल तो र्या था मर्र किर भी वह जब भी उसको देखती
        थी  तो  के वल  तड़प  कर  ही  रह  जाती  थी.  इस  प्रकार  कक  जानते  और
        समझते  हए  भी  वह  अिंबर  से क ु छ कह  नहीिं  सकती  थी.  बदली  को तो
                 ु
        मालुम  था  कक  उसके   मन  के   पररवतचन  के   साथ  प्यार  के   ररश्ते  का  ये

        अनोखा बदलाव के वल उस तक ही सीशमत है, पर तौभी अिंबर तो उसको
        अभी भी उन्हीिं प्यारभरी तनर्ाहों का तनमिंिि हदया करता था कक जजनके

        एहसास माि से ही उसके  बदन में किं पकिं पी होने लर्ती थी. उसके  इस
        अनोखे बदलाव का एहसास जब अिंबर ने खुद महसूस कर शलया तो एक
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