Page 41 - CHETNA January 2019 - March 2019FINAL_Neat FLIP
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हदन उसने बदली से इस बारे में पूछ ही शलया. वह बोला कक,
'बदली ! क्या एक बात मैं पूछ ूिं?'
'क्या ?' बदली ने एक सिंशय से उसकी तरि देखा तो वह आर्े
बोला कक,
'तुम्हारा नाम 'बदली' है, कहीिं सचमुच ही तुम बदलने तो नहीिं लर्ी
हो?'
'ऐसा तुम कै से कहने लर्े हो?'
'तुम्हारे अिंदर बहत सारे पररवतचन एक साथ देख रहा हँ. अब कािी
ु
ू
कटी-कटी सी रहने लर्ी हो तुम मेरी तरि से?' अिंबर के शब्दों में अपने
प्रतत वफ़ा की शशकायत सुनकर बदली क ु छ कह नहीिं सकी. बदली जब
चुप ही रही तो उसकी खामोशी देखते हए अिंबर की जजज्ञासा बढ़ र्ई.
ु
उसने आर्े कहा कक,
'तुमने क ु छ उत्तर नहीिं हदया? कहीिं मैं जो कह रहा हँ वह सब सच
ू
तो नहीिं है?' अिंबर ने किर से अपना प्रश्न दोहराया तो बदली ने ज़मीन
की तरि तनर्ाहें र्ड़ाते हए धीरे से कहा कक,
ु
'मान लो यहद यह सच है तो . . .?'
'?' - अिंबर पल भर को बदली का मुख ही ताकता रह र्या. उसे
लर्ा कक ककसी ने उसकी सारी प्यार की बसाई हई आस्थाओिं को
ु
तनचोड़कर उसके मुहिं पर ज़ोरदार तमाचा जड़ हदया है. वह बदली का
मुख ऊपर उठाते हए उसकी आँखों में अपनी आँखें डाल कर उससे बोला
ु
कक,
'मुझसे आँखें शमलाकर ज़रा किर से एक बार दोहराना जो तुमने
अभी कहा है?'
'नहीिं. मैं क ु छ नहीिं बता सकती हँ. सच अिंबर, मैं क ु छ भी नहीिं बता
ू
सक ूिं र्ी. शसवाय इसके कक जो सपने मैंने और तुमने देखे हैं वे कभी भी
पूरे नहीिं हो सकते हैं.'
'तुम नहीिं बता सकती हो लेककन मैं तो समझ चुका हँ.'
ू
'क्या समझ चुके हो?'
'मैं ही ककसकदर बेवक ू ि और पार्ल हो चुका था. इस धरती पर
41 | चेतना जनवरी 2019 - माचच 2019