Page 100 - Microsoft Word - CHETNA MARCH 2020- APRIL 2020 FINAL
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मा5सक मनन-



        माच0  2020

        अंजीर का वृ-
             यीशु मसीह जब अपने सुसमाचार और 5मशनर% कायš म. €यPत थे  और

        जब वे इ…ाएल देश क1 भीषण धूप, गमV, eयास और भूख म. मारे-मारे +फरते थे
        तो एक घटना के  दौरान वे भूख लगने के  कारण एक अंजीर के  पेड़ को देख कर
        उसके  पास ये सोच कर गये +क क ु छ फल वहां पर खाने को 5मल जाएँ. ले+कन
        उस पेड़ म. प{तJ को छोड़कर कोई भी फल न 5मलने पर वे -Hणक -ुoध हए
                                                                        ु
        और +फर उ#हJने उस पेड़ को कह कर •ाप दे  दया +क, 'अब से कोई तेरा फल
        कभी न खाए.' इतना कह कर वे वहां से चले आते ह8. इन सार% बातJ और ªXय
        को उनके  5शGय देख और सुन रहे थे. +फर दूसरे  दन भोर को जब यीशु मसीह
        का उस माग0 से +फर से जाना हआ तो उनके  चेले उस अंजीर के  वृ- को देख
                                   ु
        अचं5भत रह गये, =यJ+क यीशु मसीह के  वारा एक  दन पहले  दए गये •ाप
        के  कारण वह अंजीर का पेड़ सूख़ चुका था. तब उनके  5शGय पतरस ने उनको
        याद  दलाया और कहा +क, ' हे, रoबी देख यह अंजीर का पेड़ िजसे तूने •ाप
         दया  था,  सूख  गया  है  (मरक ु स  11:12-14).  ~बलक ु ल  इसी  घटना  का  वण0न
        म{ती क1 इंजील 21:18-22 म. भी +कया गया है. य द कोई नई बात म{ती ने
        5लखी है तो वह यह% +क अंजीर के  पेड़ म. फल का समय नह%ं था, तौभी यीशु
        मसीह ने उस पेड़ को •ाप देकर सुखा  दया था. एक जो मुय समानता इस
        घटना म. दोनJ ह% इ#जीलJ म. पाई गई है, वह  यह% +क, पतरस के   Xन पर

        यीशु मसीह ने पेड़ पर फल न 5मलने के  कारण सुखाने क1 बात पर Pवयं पर
        अटल EवXवास होने पर ज़ोर  दया है. य द हम और आपका EवXवास अट ू ट है तो
        हम परमेXवर से कोई भी उvचत वPतु मांग.गे तो वह हमको अवXय ह% देगा.
             फल का समय न होने पर फलJ को ढ ूंढना, +फर फल न 5मलने पर पेड़ को
        सुखा देना? इस सवाल के   आगे बहत बड़ा सवाल तो अपने आप  ह% खड़ा हो
                                      ु
        जाता है. ले+कन हम यहाँ ग?भीरता से गौर कर. तो एक Eवशेष बात तो ;नकल
        आती है. मनुGय के  जीवन म. दो  कार के  फल होते ह8. एक तो वह सांसा<रक
        होते ह8. दूसरा फल आि{मक होता है. सांसा<रक फल अपने समय पर आते ह8,

        फलते  ह8  और  अपने  समय  पर  ह%  आना  समाeत  हो  जाते  ह8  ले+कन  आि{मक

        100 |  चेतना प ढ़ये और आगे ब ढ़ये
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