Page 96 - Microsoft Word - CHETNA MARCH 2020- APRIL 2020 FINAL
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उस समय यह ब#दरगाह पूव0 ेडंग पोPट 5मडवे था जो अब इ
ाएल के शहर
तेल अवीव और हैफा के बीच म. पड़ता है.
हैफा: उ{तर% इ
ाएल के तट%य शहर के नाम से 5सc हैफा वह% शहर है
िजसको EवXव युc थम के दौरान भारतीय सै;नकJ ने ओटोमन शासन से मु=त
कराया था और इ
ाए5लयJ क1 सहायता क1 थी. इसी5लये इ
ाएल देश हर साल
ओटोमन शासन से मुि=त का दवस मनाता है और इस वष0 उसने 100 वष0 पूरे
होने पर शताoद% वष0 भी मनाया. इस शताoद% वष0 म. इ
ाएल ने उन बहादुर
भारतीय सै;नकJ को भी स?मा;नत +कया गया जो इ;तहास म. 'अं;तम महान
घुड़सवार अ5भयान' के तौर पर याद +कये जाते ह8. भारतीय सेना भी हर साल
23 5सतंबर को हैफा दवस के wप म. तीन भारतीय कै वलर% रेजीम.टJ mमश:
मैसूर, हैदराबाद और जोधपुर लांसस0 को स?मान देकर याद करती है, िजसने
हैफा को Pवतं( कराने म. इ
ाएल क1 मदद क1 थी.
रोम के सAाट कै सर अगुPतुस ने यह सागर क1 तट%य जगह ब#दरगाह,
रोमी ना¿यशाला, राजक1य महल और रोमी मि#दर बनवाने के 5लए राजा हेरोदेस
को द% थी. इस5लए के स<रया रोम क1 राजधानी के wप म. 600 सालJ से भी
अvधक समय तक प5लXतीन पर शासन करती रह% थी. बाद म. हेरोदेस ने इस
जगह का एक दूसरा नाम 'हाब0र सबाPतोस' (सबाPतोस का ब#दरगाह) भी रखा
था. यह नाम यह जगह दान देनेवाले के नाम पर रखा गया था. 'सबाPतोस-
Sabastos', रोमी सAाट अगुPतुस का [ीक नाम है.
नया ;नयम के अनुसार के स<रया के इसी ब#दरगाह पर े<रत पौलुस दो
बार अपनी 5मशनर% या(ाओं के बाद वापस आकर उतरा था. इसी Pथान पर
अपनी मृ{यु से पहले के दो वष0 उसने यहाँ क1 जेल म. काटे थे. उसके बाद वह
इसी ब#दरगाह से अपने मुकम. क1 अं;तम पैरवी के 5लए रोम भेज दया गया
था, जहां पर रोमी सAाट नीरो ने उसे मृ{यु दंड दे दया था. यह%ं पर पतरस ने
पहले गैर-यहद% को बिeतPमा देकर मसीह% बनाया था, और यह%ं से गैर-
ू
मसी हयJ के 5लए मसीह% होने का माग0 भी खुल गया था.
96 | चेतना प ढ़ये और आगे ब ढ़ये