Page 92 - Microsoft Word - CHETNA MARCH 2020- APRIL 2020 FINAL
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दरवाज़ा खोलकर, रेल क1 पट<रयJ के दूसरे +कनारे पर बने हए रेलवे के मकानJ
ु
क1 तरफ भाग ;नकल%. बहत तीता से, बेतहाशा. तब उस टै=सी Ðाइवर ने जब
ु
श5श को इस कार से भागते देखा तो वह भी उसके पीछे-पीछे दौड़ा. मगर श5श
भागती रह%, लगातार, साथ ह% वह पुqष भी उसके पीछे-पीछे उसे पकड़ने के
5लए भागता रहा. रेलवे क1 पट<रयJ के आस-पास कोई भी नह%ं था. हर तरफ
खामोशी थी. और इस खामोशी म. श5श दौडती रह%. उसक1 सांस भी भागते-
भागते फ ू लने लगी थी. सहसा ह% रेलवे क1 लाइन के +कनारे बने एक घर म.
Eवयुत के काश को देख कर वह उसी तरफ मुड़ गई. वह टै=सी का Ðाइवर
उसके कर%ब आता तब तक श5श उस घर का दरवाज़ा पागलJ समान ज़ोरJ से
पीटने लगी. इतनी ज़ोरJ से +क दरवाज़े को पीटते हए उसके शर%र म. कमजोर%
ु
छाने लगी. उसके दल म. डर तो पहले ह% से समाया हआ था, उस पर उसने
ु
Eपछल% रात से क ु छ खाया भी नह%ं था, वह बेहोश होकर वह%ं दरवाज़े पर ह%
vगर पड़ी. उसके vगरते ह% +कसी ने दरवाज़ा खोला तो उसे देखते ह% वह दुGट
टै=सी Ðाइवर चुपचाप उलटे पैर पीछे लौट गया.
श5श को जब होश आया और जब उसने अपनी आँख. खोल%ं तो उसने
अपने को एक आरामदायक ~बPतर पर लेटा पाया. एक अनजान घर म. वह
आरामदायक पलंग पर लेट% हई थी. उसके बगल म. एक युवक क ु सV पर बैठा
ु
हआ कोई प~(का पढ़ रहा था. सुंदर, आकष0क और जवान युवक, जो इसके 5लए
ु
एक अजनबी से कम नह%ं था. उसका सूटके स उस युवक क1 क ु सV के पास ह%
रखा हआ था. श5श उसको चुपचाप देखती रह%. सोचती रह%. उसके बारे म. और
ु
वह उसक1 िPथ;त से अनजान प~(का म. उलझा रहा.
सहसा ह% उस युवक ने प~(का का पृGठ पलता और एक नज़र श5श को
;नहारा तो उसे आँखे खोले हए देख उससे स?बोvधत हआ. बोला +क,
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ु
'अब कै सी त~बयत है आपक1?'
'?'- श5श ने उसको देखा और नज़र. झुका ल%ं.
'घबराइये मत. यहाँ पर आप ~बलक ु ल सुर£-त ह8.'
'ले+कन आप. . .?'
'म8 ओ. एन. शमा0. हँ. पूरा नाम ओम नारायण शमा0 है. म8 रेलवे म. इंजी;नयर हँ
ू
ू
और यह%ं रहता हँ. मुझे -मा करना, जब आपको अपने दरवाज़े पर बेहोश पड़ा
ू
पाया तो मुझे ह% आपको उठाकर लाना पड़ा था. लगता था +क आप जैसे बहत
ु
घबराई हई थीं?'
ु
'?'- श5श उसको चुपचाप, बहत खामोशी से देखती रह%.
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