Page 48 - Microsoft Word - CHETNA MARCH 2020- APRIL 2020 FINAL
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25 जब और चेले उस से कहने लगे +क हम ने  भु को देखा है: तब उस ने उन
        से कहा, जब तक म8 उस के  हाथJ म. क1लJ के  छेद न देख लूं, और क1लJ के  छेदJ
        म. अपनी उंगल% न डाल लूं, और उसके  पंजर म. अपना हाथ न डाल लूं, तब तक
        म8  ती;त नह%ं कwं गा. 26 आठ  दन के  बाद उस के  चेले +फर घर के  भीतर थे,
        और थोमा उन के  साथ था, और वार ब#द थे, तब यीशु ने आकर और बीच म.
        खड़ा होकर कहा, तु?ह. शाि#त 5मले. 27 तब उस ने थोमा से कहा, अपनी उंगल%

        यहां लाकर मेरे हाथJ को देख और अपना हाथ लाकर मेरे पंजर म. डाल और
        अEवXवासी नह%ं पर#तु EवXवासी हो. 28 यह सुन थोमा ने उ{तर  दया, हे मेरे  भु,
        हे मेरे परमेXवर!  29 यीशु ने उस से कहा, तू ने तो मुझे देखकर EवXवास +कया
        है, ध#य वे ह8 िज#हJ ने ~बना देखे EवXवास +कया ( यूह# ना 20:24-29 ).
             इस5लए म<रयम मगदल%नी क1 घटना म. यीशु उसक1 गुजा<रश पर EवXवास
         दला रहा था +क वह उसे अभी छोड़कर नह%ं जा रहा है और थोमा जो  ददुमुस
        अथा0त  जुड़वां  कहलाता  है  को  उसके   संदेह  को  दूर  करने  म.  मदद  दे  रहा  था.
        इस5लए  दोनJ  ह%  घटनाओं  म.  यीशु  मसीह  ने  जो  भी  कहा  था  उनके   समुvचत
        कारण थे.
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                                                        बादल क1 तरह-

                                      बादल क1 तरह भटकता मेरा ये जीवन +फरे,
                                     कोई ज़रा सा क ु रेदे तो अंHखयJ से पानी झरे.
                                    सब अपनी कहानी, अपना ह% रोना 5लये +फर.,
                                      औरJ के  दद0 और ग़म क1 बात. कोई न करे.

                                        जैसे सब मांगे से खाये और मांगे से चल.,
                                         मेरे जीवन-साथी भी अब उधार% पे चले.
                                                   गीतJ म. रंगत शैतां क1 कर.,
                                                 +कताबJ म. बात. पापJ क1 भर..
                                                   ऐसे अपनJ तो राह. चल. +क,
                                           जीवन का मटका 5सफ0  खराबी से भर.,
                                     पर परमेXवर क1 म हमा अब कोई न करे.
                                                                - जसवंती


        48 |  चेतना प ढ़ये और आगे ब ढ़ये
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