Page 79 - e-magazine-Diya Academy of learning
P. 79
“ दुलिभ नक री ”
सारस दुननया का सबसे लंबा पक्षी िैं जो
उड़ सकता िैं | सारस के िल भारत िें ि
पाया जाता िैं |
Google ने G-mail की शुरुआत 1 अप्रैल 2004 को की
थी |
आइये ने हहिंदी क े महीनों क े न म कपवत क े म ध्यम से AMUL का पूरा नाि - आनंद मिल्स यूननयन
प्रथि िि ना िैत से श्रगन मलमिटेड िै |
आूँखे खोलकर छींक लगाना नािुिककन िैं |
राि जनि का स्जसिें हदन ||
कॉकरोि अपने मसर क े बबना कई िफ्तों तक रि
द्वितीय िाि आया िैशाख
सकता िैं |
िैसाखी पंिनद की साख ||
िाइक्रोसॉफ्ट िें 34 % किािार भारतीय िैं |
ज्येष्ठ िास को जान तीसरा तक़र बन 17 िी शताब्द तक भारत दुननया का सबसे
अब तो जाड़ा सबको बबसरा || अिीर देश था |
िौथा िास आया आषाढ़ रेशि का कीड़ा 56 हदनों िें अपने भार का 86000 गुना
नहदयों िें आती िै बाढ़ || भोजन खाता िैं |
िनुष्य द्िारा खाए जाने िाले पदाथो िें शिद एक-
पाूँििे सािन घेरे बदर
िात्र ऐसा पदाथा िै जो कभी खराब नि ं िोता |
झूला झूलो गाओ कजर ||
दुननया क े 11 % लोग बाएूँ िाथ से खाते िैं |
भादौ िास को जानो छठा
स्जस िाथ से आप मलखते िैं ,उसकी अंगुमलयों क े
क ृ ष्ि जन्ि की सुन्दर छटा || नाख़ून ज्यादा तेज़ी से बढ़ते िैं |
िास सातिाूँ लगा क ुं आर अगर िि एक घंटे से ज्यादा िेडफोन का उपयोग करते
दुगाा पूजा की आई बिार || िै तो ििारे कानो िें जीिािुओं की तादाद 700 गुना
बढ़ जाती िै |
कानताक िास आठिाूँ आए
Heart Attack आने क े िांस सबसे अश्रधक सोििार की
द िाल क े द प जलाए ||
सुबि को और साल िें सबसे अश्रधक कक्रशिस डे क े
निां िि ना आया अगिन
हदन िोते िै |
सीता बनी राि की दुल्िन ||
दुननया िें कोई भी नीले रंग का फल नि ं िैं , ब्लू-बेर ज
पूस िास िै क्रि िें दस भी पपाल यानन बैंगनी रंग की िोती िैं |
पीयो सब गन्ने का रस || िर साल दो मिनट ऐसे िोते िै स्जन्िें 61 सेकं ड िोते िैं |
्यारििां िास िाघ को गाओ 2520 ऐसा सबसे छोटा नंबर िैं जो 1 से 10 तक सभी
नंबरो से भाग िोता िै |
सिरसता का भाि जगाओ ||
नेपाल विश्ि का ऐसा देश िैं जो कभी भी ककसी का
िास बारििां फाल्गुन आया
गुलाि नि ं िआ |
ु
साथ िें िोल क े रंग लाया ||
“ िाशाल आटा ” भारत की खोज़ िैं ,बाद िें बौद्ध
बारि िास िए अब पूरे मभक्षुओं ने इसे भारत क े बािर फै लाया |
ु
छोड़ो न कोई काि अधूरे || कफं गर वप्रंट की तरि िनुष्य क े जीभ क े ननशान भी
डॉ. द पाल पोिरे अलग िोते िैं |
“ डॉ. द पाल पोिरे ”
हिन्द विभाग प्रिुख
हिंद विभाग प्रिुख