Page 8 - माँ की पर्णकुटी
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सामािजक समरसता, सरोकार व अ य काय - इस  े   मे  वशेष काय    कया  गया  है और   कया जा रहा।
        ब तीवा सय   से मेल- मलाप, उनक  झोप ड़य  म  चाय-
                                                            अ नक ू ट काय  म
        ना ता, भोजन करना, ब च  को  व भ न प रवार  के  घर
        ले  जाकर  ना ता  कराना,  सामू हक  क या  पूजन,  ब ती
        म   आयोिजत   व भ न  काय  म   म   संघ,  सेवाभारती,
         व व  ह दू प रषद एवम समाज के  गणमा य  स जन

        का  काय  म  म   आकर  ब च   एवं  ब तीवा सय       को
         ो सा हत   कया जाता रहा है । समय समय पर ब ती
        म  समरसता भोजन आयोिजत  कये जा रहे ह । भोजन
        ब तीवा सय   के  मा यम से ह  बनाया जाता रहा है।


                                                            "माँ क  पण क ु ट " क  बि चयाँ का माँ के  घर  वास

















                           सामू हक क या पूजन

                            सामू हक  ववाह म  जल  यव था संभालते ब चे
















                                                                                        रसोट  म  तैराक  का आनंद लेती बि चयां
                                                            माँ के  साथ सामू हक भोजन
          होटल म  माँ के
          साथ भोजन
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