Page 122 - Rich Dad Poor Dad (Hindi)
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कॉरपोरेशन क े क़ानूनी ढाँचे क ताक़त क े ान से अमीर को ग़रीब और म य वग क तुलना
म बह त यादा फ़ायदा िमलता है। मुझे दो डैिडय ने िश ा दी थी िजनम से एक समाजवादी थे
और दूसरे पूँजीपित। मुझे ज द ही यह महसूस ह आ िक पूँजीपित म पैसे क यादा समझ है। मुझे
ऐसा लगा िक पैसे क नासमझी क े कारण समाजवादी आिख़रकार ख़ुद को ही सज़ा देते ह ।
‘अमीर से वसूलो’ का नारा लगाने वाली भीड़ चाहे िजतना ज़ोर लगा ले, अमीर लोग उनसे
जीतने का रा ता हमेशा ढूँढ़ िनकालते ह । इसी कारण टै स आिख़रकार म य वग पर लगे।
अमीर ने बुि जीिवय को अपनी बुि से हरा िदया, िसफ़ इस कारण य िक वे पैसे क ताक़त
को जानते थे और यह िवषय क ू ल म नह पढ़ाया जाता।