Page 125 - Rich Dad Poor Dad (Hindi)
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चाहते थे िक म  उनक  ताक़त को पहचानूँ और एक िदन खुद भी इतना ही ताक़तवर बनना चाह ँ।

               िजतने भी समय तक म ने उनक े  माग दश न म  पड़ा और सीखा, उ ह ने मुझे हमेशा याद िदलाया
               िक  ान ही ताक़त है। और पैसे क े  साथ जो बड़ी ताक़त आती है उसे बनाए रखने क े  िलए और
               उसे कई गुना करने क े  िलए सही  ान क  ज़ रत होती है। उस  ान क े  िबना संसार आपको
               इधर-उधर ध क े  मारता रहता है। अमीर डैडी हमेशा माइक और मुझे यह याद िदलाया करते थे िक
               सबसे  यादा डरावना  यि  बॉस या सुपरवाइज़र नह  होता, बि क टै समैन होता है। अगर आप
               उसे मौक़ा देते ह  तो टै समैन हमेशा आपसे  यादा से  यादा वसूल कर लेगा।

                     पैसा मेरे िलए काम करे म  पैसे क े  िलए काम न क  ँ , मेरा यह पहला सबक़ दरअसल

               ताक़त क े  बारे म  है। अगर आप पैसे क े  िलए काम करते ह  तो आप ताक़त को अपने बॉस क े  हाथ
               म  दे देते ह । अगर आपका पैसा आपक े  िलए काम करता है तो आप ताक़त को अपने पास रखते ह
               और उसे क़ाबू म  रखते ह ।

                     एक बार हम  हमारे िलए काम करने वाले पैसे क  ताक़त का  ान हो जाए, िफर हम  पैसे क े
               िलहाज़ से  माट  हो जाना चािहए और हम  डराने वाले लोग  से िनपटने क े  रा ते ढूँढ लेने चािहए।
               इसक े  िलए आपक े  पास क़ानून क  समझ होनी चािहए और इस बात क  भी िक िस टम क ै से
               काम करता है। अगर आप अ ानी ह  तो आपको आसानी से डराया जा सकता है। अगर आप

               जानते ह  िक आप  या बात कर रहे ह  तो आपक े  पास बचने का मौक़ा होता है। इसीिलए अमीर
               डैडी  माट  टै स अकाउंट ट् स और वक ल  को इतना  यादा वेतन देते थे। वक ल  को वेतन देना
               सरकार को टै स देने से स ता था। मेरे िलए उनका सव  े  सबक़ था, ' माट  बनो तािक तु ह
               इधर-उधर ध क े  न िदए जा सक   ' और म ने िज़ दगी भर इसे अपनाया है। वे क़ानून जानते थे
                य िक वे क़ानून का आदर करते थे। वे क़ानून जानते थे  य िक क़ानून न जानना बह त महँगा
               सािबत हो सकता थ । ''अगर आप जानते ह  िक आप सही ह , तो आप िकसी से भी उलझने से नह
               डर गे। '' चाहे आपका मुकाबला रॉिबनह ड और उसक े  िगरोह से ही  य  न हो।


                     मेरे पढ़े-िलखे डैडी मुझे हमेशा  ो सािहत करते थे िक म  िकसी अ छे कॉरपोरेशन म
               बिढ़या सी नौकरी खोजूँ। वे मुझे हमेशा उन अ छाइय  क े  बारे म  बताते थे जो ' कॉरपोरेट सीढ़ी पर
               चढ़ने से 'हािसल क  जा सकती ह । वे यह नह  समझ पाते थे, िक कॉरपोरेट िनयो ा से िमलने
               वाले वेतन क े  चेक पर पूरी तरह िनभ र रहने से म  एक ऐसी दुधा  गाय बन जाता था िजसे दुहा
               जा सकता है।

                     जब म ने अपने अमीर डैडी को अपने डैडी क  सलाह बताई, तो वे क े वल हँसे। उ ह ने िसफ़

               यही कहा, ''सीढ़ी का मािलक ही  य  न बना जाए?''
                     बचपन म  मुझे यह समझ म  नह  आया था िक अपने कॉरपोरेशन क े  मािलक होने से अमीर

               डैडी का  या मतलब था। यह एक ऐसा िवचार था जो असंभव और डरावना लग रहा था। हालाँिक
               म  इस िवचार से रोमांिचत था, परंतु मेरी कम उ  म  म  इस संभावना पर िवचार ही नह  कर पा
               रहा था िक वय क लोग िकसी िदन मेरी कं पनी म  काम कर गे।

                     मुद् दे क  बात यह है िक अगर अमीर डैडी नह  होते तो म  अपने पढ़े-िलखे डैडी क  सलाह
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