Page 203 - Rich Dad Poor Dad (Hindi)
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सक ूँ  िक वे िकस तरह सौदे करते ह ।

                     िजस तरह मैदान पर बेसबॉल क े  िलए बैिटंग करते जाते समय म  खुद क  भूिमका म  नह

               था, उसी तरह जब म  बाजार म  उतरता ह ँ या म  कोई सौदा करता ह ँ तो म  अवचेतन  प से   प
               क  बहादुरी का अिभनय करता ह ँ। या जब म  िकसी  वृि  का िव ेषण करता ह ँ तो म  उसे इस
               तरह देखता ह ँ जैसे पीटर िलंच यह काम कर रहे ह । आदश  नायक होने से हम अपनी क ची
                ितभा क े  वृहद  ोत का दोहन करते ह ।

                     परंतु आदश  नायक हम   े रत करने से भी  यादा काम करते ह । वे चीज़ो को  यादा
               आसान बना देते ह । चीज़े आसान िदखने क े  कारण हम भी उ ह  क  तरह बनना चाहते ह । ''अगर
               वे ऐसा कर सकते ह , तो म  भी यही कर सकता ह ँ।''


                     जब िनवेश क  बात आती है तो  यादातर लोग इसे बह त किठन समझते ह । इसक े  बजाय
               उ ह  आदश  नायक  क  तलाश करनी चािहए जो इसे आसान बना देते ह ।

                     10. िसखाओ और आपको हािसल होगा: देने क  शि । मेरे दोन  डैडी िश क थे। मेरे
                         अमीर डैडी ने मुझे ऐसा सबक़ िसखाया जो मेरे साथ िज़ंदगी भर चल रहा है और वह
                         सबक़ था परोपकार करना या देना। मेरे पढ़े-िलखे डैडी ने अपने समय और  ान क े
                          ारा दूसर  को बह त िदया, परंतु शायद ही कभी अपना पैसा िदया हो। जैसा म  बता
                         चुका ह ँ, वे सामा यत: कहा करते थे िक वे तभी द गे जब उनक े  पास क ु छ अित र  धन

                         होगा। और उनक े  पास कभी भी अित र  धन नह  होता था।

                     मेरे अमीर डैडी ने पैसा भी िदया और िश ा भी। वे देने क े  िस ांत म  प का यक़ न रखते
               थे। ''अगर आपको क ु छ चािहए, तो आपको पहले क ु छ देने क  ज़ रत है,'' वे हमेशा कहा करते
               थे। जब उनका हाथ तंग होता था, तब भी वे अपने चच  या अपनी पसंदीदा धमा थ  सं था को दान
               देते थे।

                     अगर म  आपक े  पास कोई िवचार छोड़ना चाहता ह ँ तो वह िवचार यही होगा। जब भी आपको
               िकसी चीज़ क  'कमी' या 'ज रत' महसूस हो तो पहले उस चीज़ को दे द । बाद म  वह बाि टय  म
               भरकर आपक े  पास लौट आएगी। यह पैसा, मु कराहट,  ेम, दो ती सभी क े  बारे म  सही है। म

               जानता ह ँ िक कोई भी  यि  ऐसा नह  करना चाहेगा, परंतु म ने ऐसा िकया है और इससे फ़ायदा
               भी उठाया है। म  िव ास करता ह ँ िक आदान- दान का िस ांत सही है और इसीिलए म  वही चीज़
               देता ह ँ जो म  पाना चाहता ह ँ। मुझे पैसा चािहए, इसिलए म  पैसा देता ह ँ और यह कई गुना होकर
               मेरे पास वापस आ जाता है। म  िब   बढ़ाना चाहता ह ँ इसिलए म  िकसी और  यि  क  क ु छ
               बेचने म  मदद कर देता ह ँ और मेरी िब   बढ जाती है। म  संपक    बढ़ाना चाहता ह ँ और म  िकसी

               और क  संपक    बढ़ाने म  मदद कर देता ह ँ और जादू क  तरह मेरे भी संपक    बढ़ जाते ह । म ने
               साल  पहले एक कहावत सुनी थी, ''ई र को क ु छ नह  चािहए, पर इंसान  को देना चािहए।''

                     मेरे अमीर डैडी अ सर कहा करते थे, ''गरीब लोग अमीर  से  यादा लालची होते ह ।''
               उ ह ने इसे समझाते ह ए कहा िक अगर कोई  यि  अमीर है तो वह  यि  दूसर   ारा चाही गई
               क ु छ चीज दे रहा है। मेरे जीवन म , मेरे तमाम वष  म , जब भी म ने पैसे क  कमी या ज़ रत
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