Page 204 - Rich Dad Poor Dad (Hindi)
P. 204

महसूस क  है तो म ने पहले तो अपने िदल को टटोला है िक म   या चाहता ह ँ और िफर इसे देने

               का फ़ ै सला िकया है। और जब म ने िदया है, तो यह हमेशा मेरे पास वापस लौटा है।

                     यह मुझे उस  यि  क  कहानी याद िदलाता है जो जाड़े क  ठंडी रात म  लकिड़याँ लेकर
               बैठा है और पास म  ही धीमे-धीमे जल रहे चू हे पर िच ला रहा है ''जब तुम मुझे गम  दोगे, तब म
               क ु छ लकिड़य  अंदर डालूँगा।'' और जब पैसे,  ेम, सुख, िब   और संपक    क  बात आती है, तो हर
                यि  को यही याद रखने क  ज़ रत है िक जो आप चाहते ह , पहले आप उसे दे द  और यह कई
               गुना होकर आपक े  पास लौट आएगा। बह धा क े वल यही सोचने क   ि या से िक म   या चाहता
               ह ँ और इसे िकसी और को िकस तरह दे सकता ह ँ मेरे अंदर उदारता का  वार आने लगता है। जब

               भी म  यह देखता ह ँ िक लोग मेरी तरफ़ देखकर नह  मु करा रहे ह  तो म  आराम से मु कराना
               और हैलो करना शु  कर देता ह ँ और जादू क  तरह, मेरे आस-पास अचानक बह त से मु कराने
               वाले लोग जमा हो जाते ह । यह सच है िक आपक  दुिनया क े वल आपका दप ण है।

                     तो इसीिलए म  कहता ह ँ, ''िसखाओ और आपको िमलेगा।'' म ने पाया है िक म  सीखने वाल
               को िजतनी गंभीरता से, िजतना  यादा िसखाता ह ँ, म  भी उतना ही  यादा सीखता ह ँ। अगर आप
               पैसे क े  बारे म  सीखना चाहते ह  तो इसे िकसी और को िसखाएँ। ऐसा करने से आपक े  िदमाग़ म
               बह त से नए िवचार  और फॉमू ल  क  बाढ़ आ जाएगी।

                     ऐसे भी समय आए ह  जब म ने िदया है और क ु छ भी वापस नह  लौटा या जो मुझे िमला वह

               म  नह  चाहता था। परंतु क़रीबी जाँच और आ म-अवलोकन से मुझे पता चला िक उन मामल  म
               म  देने क े  िलए नह  दे रहा था, बि क पाने क े  िलए दे रहा था।

                     मेरे डैडी ने िश क  को िसखाया और वे एक मा टर टीचर बन गए। मेरे अमीर डैडी ने युवा
               लोग  को अपना िबज़नेस करने का तरीक़ा िसखाया। म  पीछे पलटकर देखता ह ँ िक यह सीखने
               वाल  क  अपने  ान क े   ित उदारता ही थी िजसक े  कारण वे  यादा  माट  बन गए। इस दुिनया
               म  ऐसी ताक़त  ह  जो हमसे  यादा  माट  ह । आप वहाँ ख़ुद अपने दम पर पह ँच सकते ह , परंतु उन
               ताक़त  क  मदद से वहाँ पह ँचना  यादा आसान होता है। आपको बस इतना ही करना है िक आप

               उदार ह  और वे ताक़त  भी आपक े   ित उदार ह गी।





               * िह दी अनुवाद, ' बैिबलीन का सबसे अमीर आदमी मंजुल पि लिशंग हाउस।
   199   200   201   202   203   204   205   206   207   208   209