Page 206 - Rich Dad Poor Dad (Hindi)
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उसे लंच का  यौता दे िदया। उसने रोमांिचत होकर मुझे यह समझा िदया िक इसे क ै से

                         करना है और उसने अपना पूरा  ान मेरे सामने परोस िदया। लंच क े  बाद, उसने पूरे
                         िदन मुझे वे जगह  िदखाईं जहाँ म  इस तरह का सौदा कर सकता था। अगले िदन तक
                         म ने उसक  मदद से दो बड़ी जायदाद  को पा िलया था। और म  तब से उन पर 16
                         फ सदी क  दर से  याज कमा रहा ह ँ। मुझे पु तक पढ़ने म  एक िदन लगा, क़दम उठाने
                         म  एक िदन लगा, लंच म  एक घंटा लगा और दो बड़े सौदे करने म  क े वल एक िदन
                         लगा।

                     • क ाओं म  भाग ल  और टेप ख़रीद । म  अख़बार  म  नई और रोचक क ाओं क  ख़बर

                         खोजता रहता ह ँ। इनम  से कई तो मु त होती ह  या उनक  फ स बह त कम होती है। म
                         जो सीखना चाहता ह ँ उस िवषय पर म  महँगे सेिमनार  म  भी जाता ह ँ। म  इसिलए अमीर
                         ह ँ और मुझे इसिलए नौकरी करने क  क़तई ज रत नह  है  य िक म ने इस तरह क े
                         पाठ ्  य म  म  भाग िलया है। मेरे क ु छ दो त ह  जो मुझे यह बताया करते थे िक इस तरह
                         क े  काय  म  म  भाग लेकर म  अपना समय और पैसा दोन  बबा द कर रहा ह ँ। वे आज
                         भी वही काम कर रहे ह ।

                     • हमेशा ऑफर देते रह । जब भी म  कोई  रयल ए टेट क   ॉपट  चाहता ह ँ तो म  कई  ॉपट

                         देखता ह ँ और सामा यत: एक ऑफर िलख देता ह ँ। अगर आप नह  जानते िक 'सही
                         ऑफ़र'  या होना चािहए, तो यह म  भी नह  जानता। यह तो  रयल ए टेट एज ट का
                         काम है। वे ऑफ़र का कड़ा देते ह । म  यथासंभव कम से कम काम करता ह ँ।

                     मेरी एक िम  चाहती थी िक म  उसे अपाट म ट हाउस ख़रीदना िसखाऊ ँ । एक शिनवार को
               वह, उसका एज ट और म  गए और हमने छह अपाट म ट हाउस देखे। चार तो घिटया थे परंतु दो अ छे
               थे। म ने उससे कहा िक वह सभी छह पर ऑफ़र िलखे, और मािलक   ारा माँगी गई क़ मत से
               आधी का ऑफ़र दे। यह सुनते ही उसे और उसक े  एज ट को िदल का दौरा पड़ते-पड़ते बचा। उनक े

               िहसाब से यह बदतमीज़ी होती और इससे मकान मािलक  को बुरा लग सकता था परंतु म  वा तव
               म  नह  सोचता िक एज ट इतना कठोर  म करना चाहता था। इसिलए उ ह ने क ु छ नह  िकया
               और वे एक बेहतर सौदे क  तलाश म  चले गए।

                     उ ह ने कभी कोई ऑफ़र नह  िदया और वह आज भी सही क़ मत पर 'सही' सौदे क े  िलए
               भटक रही है। आप नह  जानते िक सही क़ मत  या है, जब तक िक सौदा करने क े  िलए आपक े
               सामने दूसरी पाट  न हो।  यादातर बेचने वाले बह त  यादा क़ मत माँगते ह । यह दुल भ ही है िक

               कोई बेचने वाला वा तव म  ऐसी क़ मत माँगे जो वा तिवक मू य से कम हो।
                     इस कहानी से हम  यह िश ा िमलती है िक हम  ऑफ़र देना चािहए। जो लोग िनवेशक नह

               होते उ ह  यह समझ ही नह  होती िक कोई चीज़ बेचना िकतना किठन होता है। मेरे पास एक
                रयल ए टेट क   ॉपट  थी िजसे म  महीन  से बेचना चाहता था। म ने िकसी भी चीज़ का  वागत
               िकया होता। मुझे इस बात से कोई फ़क़    नह  पड़ता िक क मत िकतनी कम थी। उ ह ने अगर मुझे
               दस सुअर  का भी ऑफ़र िदया होता तो भी म  ख़ुश हो गया होता। ऑफ़र क  क़ मत से नह ,
               बि क इस बात से िक कोई तो मेरी  ॉपट  म   िच रखता है। इसक े  जवाब म  म  बदले म  पूरे क े  पूरे
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