Page 30 - Rich Dad Poor Dad (Hindi)
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अ याय दो


                                                       सबक़ एक:

                                      अमीर लोग पैसे क े  िलए काम नह  करते


               “डै    डी,  या आप मुझे बता सकते ह  िक अमीर क ै से बना जाए?”

                            यह सुनते ही मेरे डैडी ने अपना शाम का अखबार नीचे रख िदया। “बेटे, तुम अमीर

                य  बनना चाहते हो?”

                     “ य िक आज िजमी क  म मी अपनी नई क ै िडलक कार म  आईं और वे लोग िपकिनक पर
               अपने समु  तट वाले घर पर जा रहे थे। िजमी अपने साथ अपने तीन दो त  को ले गया, परंतु
               माइक और मुझे नह  ले गया। उसने हमसे यह कहा िक वह हम  इसिलए नह  ले जाएगा  य िक
               हम लोग ‘ग़रीब ब चे’ थे।”

                     “उसने ऐसा कहा?” डैडी ने अिव ास से पूछा।

                     “हाँ, िबलक ु ल ऐसा।” म ने दद  भरी आवाज़ म  कहा।

                     डैडी ने अपना िसर िहलाया, नाक तक च मे को चढ़ाया और िफर अख़बार पढ़ने लगे। म

               उनक े  जवाब का इंतजार करता रहा।

                     यह 1956 क  बात है। तब म  नौ साल का था। िक़ मत क  बात थी िक म  उसी पि लक
                क ू ल म  जाता था िजसम  अमीर लोग  क े  ब चे पढ़ते थे। हम शुगर  लांटेशन क े  क़ बे म  रहते थे।
                लांटेशन क े  मैनेजर और क़ बे क े  बाक़  अमीर लोग जैसे डॉ टर, िबज़नेसमैन और ब कर अपने
               ब च  को पहली  लास से छठी  लास तक इसी  क ू ल म  भेजते थे। छठी  लास क े  बाद ब च  को
                ायवेट  क ू ल  म  भेजा जाता था। अगर मेरा प रवार सड़क क े  दूसरे छोर पर रह रहा होता तो मुझे
               अलग तरह क े   क ू ल म  भेजा जाता जहाँ मेरे जैसे प रवार  क े  ब चे पढ़ते थे। छठी  लास क े  बाद

               इन ब च  क  तरह म ने भी पि लक इंटरमीिडएट और हाई  क ू ल िकया होता  य िक उनक  ही
               तरह मेरे िलए भी  ायवेट  क ू ल म  जाना संभव नह  था।

                     मेरे डैडी ने आिख़र अख़बार को रख िदया। मुझे पता था िक वे  या सोच रहे थे।

                     उ ह ने धीमे से शु आत क , “अगर तुम अमीर बनना चाहते हो, तो तु ह  पैसे बनाना
               सीखना चािहए।”

                     म ने पूछा, “म  पैसे बनाना िकस तरह सीख सकता ह ँ?”

                     “अपने िदमाग़ क े  इ तेमाल से,” उ ह ने मु कराते ह ए कहा। िजसका असली मतलब यह
               था, ‘बस, म  तु ह  इतना ही बता सकता ह ँ’ या ‘म  इसका जवाब नह  जानता, इसिलए मुझे तंग

               मत करो।’
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