Page 31 - Rich Dad Poor Dad (Hindi)
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एक साझेदारी ह ई

                     अगली सुबह म ने अपने सबसे अ छे दो त माइक को अपने डैडी क  बात  बताईं। जहाँ तक

               मुझे याद है, उस  क ू ल म  म  और माइक ही दो ग़रीब ब चे थे। माइक भी मेरी ही तरह था  य िक
               वह भी िक़ मत क  वजह से ही उस  क ू ल म  था। ऐसा लगता था जैसे िकसी ने क़ बे म   क ू ल
               क  सरहद  तय कर दी थ  और इसी कारण हम लोग अमीर ब च  क े   क ू ल म  पढ़ रहे थे। सच
               कहा जाए तो हम लोग ग़रीब नह  थे, परंतु हम  ऐसा लगता था  य िक बाक़  सभी ब च  क े  पास
               नए बेसबॉल  ल ज़, नई साइकल  और हर चीज़ नई होती थी।

                     म मी और डैडी ने हम  ज़ रत क  सभी चीज़े ँ दी थ , जैसे खाना, घर, कपड़े। लेिकन इससे
                यादा क ु छ नह । मेरे डैडी कहा करते थे, ‘अगर तु ह  कोई चीज़ चािहए, तो उसक े  िलए काम

               करो।’ हम  बह त सी चीज़  चािहए थ , लेिकन नौ साल क े  ब च  क े  करने क े  िलए  यादा काम
               मौजूद नह  थे।

                     माइक ने पूछा, “तो पैसा कमाने क े  िलए हम   या करना चािहए?”

                     “म  नह  जानता,” म ने कहा। “लेिकन  या तुम इस काम म  मेरे पाट नर बनना चाहते हो?”

                     वह राज़ी हो गया और उस शिनवार क  सुबह माइक मेरा पहला िबज़नेस पाट नर बन गया।
               हम दोन  पूरी सुबह यही सोचते रहे िक पैसा िकस तरह कमाया जाए। कभी-कभार हम उन
               “बेिफ़  ब च ” क े  बारे म  बात  करते रहे जो िजमी क े  समु तट वाले घर पर मज़े कर रहे ह गे।

               इससे थोड़ी चोट पह ँचती थी, परंतु यह चोट अ छी थी  य िक इसने हम  यह सोचने क े  िलए  े रत
               िकया िक पैसा क ै से कमाया जाए। आिख़रकार उस दोपहर को हमारे िदमाग़ म  िबजली क ध गई।
               यह एक ऐसा िवचार था जो माइक ने िकसी िव ान क  िकताब म  पढ़ा था। रोमांिचत होकर,
               हमने अपने हाथ िमलाए और पाट नरिशप क े  पास अब एक िबज़नेस था।

                     अगले क ु छ ह तो तक म  और माइक आस-पास क े  इलाक़ े  म  दौड़-भाग करते रहे। हम
               दरवाज़  पर द तक देते थे और पड़ोिसय  से कहते थे िक वे अपने इ तेमाल िकए ह ए टूथपे ट
               ट् यूब हमारे िलए रख ल । हैरत से हम  देखते ह ए  यादातर लोग  ने मु कराकर हमारी बात मान

               ली। क ु छ ने हमसे पूछा िक हम  टूथपे ट ट् यूब  य  चािहए? इसक े  जवाब म  हमने कहा, ''हम
               आपको यह नह  बता सकते। यह एक िबज़नेस सी  े ट है।”

                     स ाह गुज़रते गए और मेरी माँ बह त दुखी हो गईं। अपने क चे माल को इकट् ठा करने क े
               िलए हमने जो जगह चुनी थी वह उनक  वॉिशंग मशीन क े  ठीक पास थी। एक भूरे काड बोड  क े
               िड बे म  िजसम  कभी क े चप क  बोतल  रखी रहती थ , हमारे इ तेमाल िकए ह ए टूथपे ट क े
               ट् यू स क  सं या बढ़ने लगी ।


                     आिख़र एक िदन माँ क े  स  का बाँध टूट गया। पड़ोिसय  क े  मुड़े-तुड़े और इ तेमाल िकए
               ह ए टूथपे ट ट् यू स को देखते-देखते वे ऊब गई थ । उ ह ने पूछा '' तुम लोग कर  या रहे हो?
               और म  यह नह  सुनना चाहती िक यह एक िबजनेस सी  े ट है। इस कचरे को साफ़ कर दो या म
               इसे उठाकर बाहर फ   क देती ह ँ। ''
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