Page 33 - Rich Dad Poor Dad (Hindi)
P. 33
“हाँ,'' माइक ने िसर को िहलाते ह ए और मु कराते ह ए कहा। ''हम दोन पाट नर ह ।”
डैडी ने पूछा, “और इन ला टर क े साँच म या है?''
''देिखए, “म ने कहा। ''इसम एक बह त अ छी चीज़ है।”
छोटे हथौड़े से म ने सील को ठोका िजससे बाहरी खोल टूट गया। सावधानी से म ने ऊपर क े
आधे ला टर को हटाया और ज ते का एक िस का बाहर िगर गया।
“हे, भगवान!” मेरे डैडी ने कहा। '' तो तुम लोग ज ते क े िस क े ढाल रहे थे।”
“िबलक ु ल सही, ''माइक ने कहा। ''हम वही कर रहे थे जैसा आपने हमसे कहा था। हम पैसा
बना रहे थे।''
मेरे डैडी क े दो त ज़ोर से हँसने लगे। मेरे डैडी भी मु कराए और उ ह ने अपना िसर
िहलाया। उनक े सामने आग और टूथपे ट क ट् यू स क े ब से क े साथ सफ़ े द धूल म िलपटे ह ए दो
ब चे खड़े थे, जो इस कान से उस कान तक खुलकर मु करा रहे थे।
उ ह ने हमसे कहा िक हम सब क ु छ छोड़कर उनक े साथ चल और घर क े सामने वाली
सीढ़ी पर बैठ । मु कराते ह ए उ ह ने हम “जालसाज़ी” श द का मतलब समझाया।
हमारे सपने धराशायी हो गए थे। ''तो आपका मतलब है िक यह ग़ैरक़ानूनी है? ''माइक ने
काँपती आवाज़ म पूछा।
''छोड़ो भी,'' डैडी क े दो त ने कहा। ''हो सकता है िक ब चे अपनी ज मजात ितभा को
िवकिसत कर रहे ह ।''
मेरे डैडी उ ह घूरते रहे।
''हाँ, यह ग़ैरक़ानूनी है,'' डैडी ने नरमी से कहा। ''परंतु तुम लोग ने यह सािबत कर िदया है
िक तुमम बह त यादा रचना मकता और मौिलक िवचार ह । इसी तरह आगे बढ़ते रहो। मुझे तुम
पर गव है! ''
िनराश होकर माइक और म तक़रीबन बीस िमनट तक चुपचाप अपना िसर पकड़कर बैठे
रहे। इसक े बाद हमने सारा अटाला साफ़ करना शु िकया। पहले ही िदन हमारा िबज़नेश चौपट
हो गया था। पाउडर साफ़ करते ह ए म ने माइक क ओर देखा और कहा, ''मुझे लगता है िजमी
और उसक े दो त ठीक कहते ह । हम सचमुच ग़रीब ह ।''
जब म ने यह कहा तब डैडी बस जाने ही वाले थे। ''ब चो,'' उ ह ने कहा, ''तुम ग़रीब तभी
कहलाओगे जब तुम लोग हार मान लोगे। सबसे मह वपूण चीज़ यह है िक तुमने क ु छ िकया।
यादातर लोग क े वल अमीर बनने क े बारे म बात करते रहते ह और उसक े सपने देखते रहते ह ।
तुमने क ु छ िकया है। मुझे तुम दोन पर गव है। म एक बार िफर से यही कह ँगा। आगे बड़े चलो।
हार मत मानो।''
माइक और म ख़ामोश खड़े रहे। ये श द सुनने म अ छे थे, परंतु हम यह पता नह था िक