Page 37 - Rich Dad Poor Dad (Hindi)
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सामने मौजूद है। अगले दस सेकं ड म  या तो पढ़ाई शु  हो जाएगी या िफर यह हमेशा क े  िलए

               ख़ म हो जाएगी।'' माइक क े  डैडी ने िचढ़ाने वाली मु कराहट क े  साथ कहा।

                     ''मंजूर, ''म ने कहा।

                     ''मंजूर,'' माइक ने कहा।

                     ''बह त बिढ़या, '' माइक क े  डैडी ने कहा। ''दस िमनट म  िमसेज़ मािट न आ जाएँगी। उनसे
               बात  करने क े  बाद म  तु ह  उनक े  साथ भेज दूँगा और तुम लोग  का काम शु  हो जाएगा। म  तु ह
               हर घंटे क े  दस स ट दूँगा और तुम हर शिनवार तीन घंटे काम करोगे।''

                     ''पर आज तो मेरा सॉ टबॉल का मैच है। ''म ने कहा।

                     माइक क े  डैडी ने अपनी आवाज़ को धीमा परंतु कड़क करक े  कहा, '' या

                     तो मान लो या िफर वापस लौट जाओ।'' ''मान िलया,” म ने जवाब िदया। सॉ टबॉल खेलने
               क े  बजाय काम करने और सीखने का िवक प चुनने म  ही समझदारी थी।


               30 स ट बाद


               शिनवार क  खुशनुमा सुबह 9 बजे माइक और म  िमसेज़ मािट न क े  साथ काम कर रहे थे। वे एक
               दयालु और धैय वान मिहला थ । वे हमेशा कहा करती थ  िक माइक और मुझे देखकर उ ह  अपने
               दोन  ब च  क  याद आ जाती है जो अब बड़े हो गए थे तथा दूर चले गए थे। हालाँिक वे दयालु थ ,
               परंतु वे कड़ी मेहनत म  िव ास करती थ  और इसिलए वे हम  हमेशा काम म  जुटाए रखती थ । वे
               बह त कड़क मैनेजर थ । हम तीन घंटे तक िड बाबंद सामान  को शे फ़ पर से उतारते थे, उनक
               धूल साफ़ करते थे और िफर उ ह  क़रीने से जमाते थे। यह बड़ी मेहनत का काम था और बो रयत

               भरा भी।

                     माइक क े  डैडी को म  अपना अमीर डैडी कहता ह ँ। उनक े  पास इस तरह क े  नौ सुपरेट् स थे
               जहाँ पािक   ग क े  िलए बह त सी जगह थी। वे 7- 11 क वीिनय स  टोस  क े  शु आती सं करण थे।
               पड़ोस क े  जनरल  टोर जहाँ लोग दूध  ेड, बटर और िसगरेट जैसी चीज़  ख़रीदते ह । सम या यह
               थी िक हवाई म  एयर कं डीशिनंग नह  थी और गम  क े  कारण  टोस  अपना दरवाज़ा बंद नह  कर
               सकते थे।  टोर क े  दोन  ओर दरवाज़  को पूरा खुला रखा जाता था तािक सड़क और पािक   ग क
               जगह सामने िदखती रहे। जब भी कोई कार पािक   ग म  आती थी तो उसक े  साथ धूल का ग़ुबार भी

               आता था जो  टोर म  घुसकर िड ब  पर जम जाता था।

                     इसिलए हम लोग  क  नौकरी तभी तक चलती, जब तक िक एयर कं डीशिनंग नह  हो
               जाती।

                     तीन ह त  तक माइक और म  िमसेज़ मािट न क े  पास जाकर तीन घंटे तक काम करते रहे।
               दोपहर तक हमारा काम ख़ म हो जाता था और वे हमम  से हर एक क े  हाथ म  तीन छोटे िस क े
               डाल देती थ । उस समय पचास क े  दशक म  नौ साल क  उ  म  भी 30 स ट कमाने म  कोई ख़ास
               ख़ुशी नह  होती थी। तब कॉिम स क  क़ मत 10 स ट ह आ करती थी इसिलए म  अपनी कमाई
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