Page 41 - Rich Dad Poor Dad (Hindi)
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म  नह  जानता था िक वे िकस बारे म  बात कर रहे थे ।

                     '' िज़ंदगी हम सबको ध क े  मारती है । क ु छ लोग हार मान लेते ह  । बाक़  क े  लोग लड़ते ह

               । क ु छ लोग सबक़ सीख लेते ह  और आगे बढ़ जाते ह  । वे िज़ंदगी क े  ध क  का  वागत करते ह  ।
               इन िगने-चुने लोग  क े  िलए इसका यह मतलब होता है िक उ ह  क ु छ नया सीखना चािहए । वे
               सीखते ह  और आगे बढ़ जाते ह  ।  यादातर लोग छोड़ देते ह , और क ु छ लोग तु हारी तरह लड़ते
               भी ह  । ''

                     अमीर डैडी खड़े हो गए और उ ह ने टूटी-फ ू टी िखड़क  को बंद कर िदया। “अगर तुम यह
               सबक़ सीख लेते हो, तो तुम एक समझदार, अमीर और सुखी युवक बन सकते हो। अगर तुम यह
               नह  सीखते हो तो तुम िज़ंदगी भर अपनी सम याओं क े  िलए अपनी नौकरी, कम तन वाह या

               अपने बॅास को कोसते रहोगे। तुम हमेशा ऐसे बड़े मौक़ े  क  उ मीद करते रहोगे जो आए और
               तु हारी आिथ क सम याओं को सुलझा दे।”

                     अमीर डैडी ने मेरी तरफ़ देखा िक  या म  अब भी उनक  बात सुन रहा ह ँ। उनक  आँख  मेरी
               आँख  से िमल । हम एक-दूसरे क  तरफ़ देखते रहे और हमारी आँख  क े  बीच सं ेषण क  धाराएँ
               बहने लग । आिख़र जब म  उनक े  संदेश का मतलब समझ गया तो म ने अपनी नज़र  झुका ल । म
               जान गया था िक वे सही थे। म  उ ह  दोषी ठहरा रहा था जबिक सीखने क  िज़द मेरी ही थी। म
               फ़ालतू म  ही लड़ रहा था।


                     अमीर डैडी ने आगे कहा, “अगर आप इस तरह क े  आदमी ह  िजसम  िह मत नह  है तो आप
               िज़ंदगी क े  हर थपेड़े क े  सामने हार मान जाते ह । अगर आप इस िक़ म क े  आदमी ह  तो आप
               िज़ंदगी भर सुरि त खेल खेलते रह गे, सही चीज़  करते रह गे और िकसी ऐसे व त का इंतज़ार
               करते रह गे जो आने वाला नह  है। और िफर, आप एक बो रंग बुड ्  ढे क  तरह मर जाएँगे। आपक े
               बह त से दो त ह गे जो आपक  िसफ़    इसिलए तारीफ़ कर गे  य िक आप एक मेहनती और भले
               आदमी थे। आपने अपनी िज़ंदगी सुरि त खेल खेलने और सही चीज़  करने म  गुज़ार दी। परंतु
               सच बात तो यह है िक आपने िज़ंदगी क े  थपेड़  क े  सामने घुटने टेक िदए। आप ख़तरा मोल लेने

               क  क पना तक से डरते थे। हक़ क़त म  तो आप जीतना चाहते थे, परंतु आपक े  िलए हारने का
               डर जीतने क े  रोमांच से  यादा ताक़तवर सािबत ह आ। अंदर से आप और क े वल आप जान पाएँगे
               िक आपने कभी जीतने क  कोिशश नह  क । आपने सुरि त खेल खेलने का िवक प चुना।”

                     हमारी नज़र  एक बार िफर िमल । दस सेकं ड तक हम एक-दूसरे क  तरफ़ देखते रहे, और
               एक बार िफर म ने तभी नज़र  हटाईं जब म  उनक  बात का मतलब समझ गया।

                     “आप मुझे ध का दे रहे थे?” म ने पूछा।

                     “क ु छ लोग ऐसा कह सकते ह ,” अमीर डैडी मु कराए। “म  तो यही कह ँगा िक म  तु ह

               िज़ंदगी का  वाद चखा रहा था।”

                     “क ै सा  वाद?” म ने पूछा, म  अब भी ग़ु सा था, परंतु अब मेरी िज ासा भी जाग गई थी। अब
               म  सीखने क े  िलए भी तैयार था।
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