Page 65 - Rich Dad Poor Dad (Hindi)
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शायद कोई भी ठीक से यह नह  बता सकता िक इन लोग  क े  साथ ऐसा  य  ह आ था। यह

               1923 क  बात है। हम इतना अंदाज़ा तो लगा सकते ह  िक यह 1929 क े  माक  ट   े श और बड़ी
               आिथ क मंदी क े  ठीक पहले का समय था। मंदी का इन लोग  पर िनि त  प से बह त ज़यादा
               असर ह आ होगा। देखने वाली बात यह है: आज हम इन लोग  से  यादा मुि कल समय म  जी रहे
               ह । प रवत न  यादा तेज़ी से हो रहे ह  और पूरी दुिनया म  हो रहे ह । मुझे लगता है िक आने वाले 25
               साल  म  बह त से ऐसे उतार-चढ़ाव आएँगे जो इन लोग   ारा झेले गए उतार-चढ़ाव  क  तरह ही
               ह गे। मुझे यह िचंता है िक बह त से लोग िसफ़    पैसे पर अपना  यान लगाए बैठे ह  और अपनी
               सबसे बड़ी दौलत पर  यान नह  दे रहे ह , िजसका नाम है िश ा। अगर लोग लचीले होने, िदमाग़

               खुला रखने और सीखने क े  िलए तैयार रह  तो इन प रवत न  क े  बावजूद वे बह त अमीर बन
               सकते ह । अगर लोग यह सोच गे िक पैसा ही उनक  सम याओं को सुलझा सकता है तो ऐसे
               लोग  क े  िलए आगे आने वाला समय बह त परेशानी भरा होगा। बुि  से सम याएँ सुलझती ह  और
               पैसा आता है। अगर आपक े  पास पैसे क  समझ नह  है तो पैसा चाहे आ भी जाए, पर  यादा देर
               तक नह  िटकता।

                     ज़यादातर लोग िज़ंदगी भर यह नह  समझ पाते िक असल बात यह नह  है िक आप
               िकतना पैसा कमा पाते ह , बि क यह है िक आप िकतना पैसा रख पाते ह । हमने लॉटरी जीतने

               वाले उन ग़रीब लोग  क  कहािनयाँ सुनी ह , जो अचानक अमीर बन जाते ह  पर क ु छ समय बाद
               वे िफर से ग़रीब हो जाते ह । ये लोग लाख -करोड़  जीतते ह  िफर भी वे लौटकर वह  आ जाते ह
               जहाँ से उ ह ने शु  िकया था। आपने उन  यावसाियक एथलीट् स क  कहािनयाँ भी पढ़ी ह गी जो
               24 साल क  उ  म  हर साल करोड़  डॉलर कमाते ह  और 34 साल क  उ  म  उ ह  पुल क े  नीचे
               सोना पड़ता है। आज ही क े  अख़बार म  एक युवा बा क े टबॉल िखलाड़ी क  ख़बर छपी है जो एक

               साल पहले करोड़  का मािलक था। आज, वह यह िशकायत करता िफर रहा है िक उसक े  दो त ,
               वक ल  और अकाउंट ट् स ने उसक े  पैसे हड़प िलए और इसी वजह से आज उसे बह त कम मज़दूरी
               पर कार धोने का काम करना पड़ रहा है।

                     वह िसफ़    29 साल का है। उसे कार धोने क े  काम से भी िनकाल िदया गया। इसक  वजह
               यह थी िक उसने कार साफ़ करते समय अपनी च िपयनिशप  रंग उतारने से मना कर िदया, और
               इसिलए उसक  ख़बर अख़बार म  छप गई। वह अपने िनकाले जाने का िवरोध कर रहा है और
               कहता है िक यह भेदभाव है। अँगूठी ही तो उसक  महान िज़ंदगी क  इकलौती िनशानी है। उसका
               कहना है िक अगर आप उसक  अँगूठी उतरवा ल गे तो उसक े  पास ि ़ ज़ंदा रहने का कोई सहारा

               नह  बचेगा और वह मर जाएगा।

                     1997 म , म  ऐसे बह त से लोग  को जानता ह ँ जो नए-नए करोड़पित बन रहे ह । एक बार
               िफर यह 1920 क े  उछाल वाले दशक क  याद िदला देता है। हालाँिक म  खुश ह ँ िक इतने  यादा
               लोग अमीर बनते जा रहे ह , परंतु म  उ ह  चेतावनी देना चाहता ह ँ िक लंबे समय म , यह मह वपूण
               नह  है िक आपने िकतना पैसा कमाया, बि क मह वपूण  यह है िक आपने िकतना पैसा रखा,
               और आपने िकतनी पीिढ़य  तक उस पैसे को सहेजा।

                     तो जब लोग मुझसे पूछते ह , ''हम िकस तरह शु  कर ?'' या ''मुझे बताइए िक ज दी से
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