Page 88 - Rich Dad Poor Dad (Hindi)
P. 88

इसे समझाने का सबसे अ छा तरीक़ा यह है िक हम वापस युवा पित-प नी क  कहानी क
               तरफ़ चल । उनक  आमदनी बढ़ने क े  कारण वे फ़ ै सला करते ह  िक अब वे िकराए क े  मकान म

               नह  रह गे, बि क अपने सपन  का घर ख़रीद ल गे। जब वे अपने घर म  पह ँच जाते ह  तो उन पर
               एक नए टै स का बोझ आ जाता है िजसे  ॉपट  टै स कहते ह । िफर वो लोग एक नई कार
               ख़रीदते ह , नया फ़न चर और नया सामान ख़रीदते ह  तािक उनका घर आलीशान लगे। अचानक
               वे अपने सपने से जागते ह  और देखते ह  िक उनक े  दािय व का कॉलम बढ़ गया है, वे क़ज़  म  ह
               और उ ह  बह त से मॅाट गेज ऋण और   े िडट काड  ऋण चुकाने ह ।

                     अब वे चूहा दौड़ म  फ ँ स चुक े  ह । एक ब चा पैदा हो जाता है। वे और कड़ी मेहनत करते ह ।

                ि या िफर दोहराई जाती है।  यादा पैसा आता है, उस पर  यादा टै स लगता है िजसे  ेक े ट
                 प भी कहा जाता है। तभी उनक े  पास डाक म  एक और   े िडट काड  आ जाता है। वे उसका
               इ तेमाल करते ह । वह ख़ म हो जाता है। तभी एक लोन कं पनी का आदमी आकर उ ह  बताता है
               िक उनक  सबसे बड़ी ‘संपि ,’ उनक े  घर, क  क़ मत बढ़ गई है। कं पनी उ ह  एक ‘िबल
               क सोिलडेशन’ लोन देने का ऑफ़र देती है,  य िक उनक    े िडट बह त अ छी है। कं पनी उ ह
               यह भी बताती है िक समझदारी इसी म  होगी िक वे अपने ऊ ँ ची  याज दर पर िलए गए क  यूमर
               लोन को उनक े    े िडट काड  से चुका द । और इसक े  अलावा, उनक े  घर पर लगने वाले  याज से
   83   84   85   86   87   88   89   90   91   92   93