Page 130 - Sanidhya 2025
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महााकुं ं� भ-2025





                                        �
                                           े
                                    माहींकांभ कां सम्बन्ध मा मा अपुनांी बंते इनां पुस्थिक्तओ� कां संथा रखंनांं चींहीतें हूं ।
                                        ु
                                                                      े
                                                                                     �
                                                                �
                                                  ं
                                                    ै
                                            माहींाकाभ माहींापुवाष हीं अद्भुुत इसकाी शा� ।
                                                            ै
                                                 ुं
                                                           ै
                                             य�ेस्काो मां दाजष हीं इसकाा गौरंवा गा� ।।
                                              ु
                                                                        ै
                                                                    ुं
                                           सभी पुवाष घरं-घरं मा�े पुरं माहींाकाभ हीं माहींा� |
                                            एका जगहीं पुरं खेंचाता सारंा निहींर्न्दाुस्ता� ।।
                                                               ं
                                          निहींर्न्दाुस्ता� काी क्या काहूं दाुनि�या गई हीं जा� |
                                                                          ै
                                                                 े
                                           अद्भुुत छोटाा काो दाखे�े आय सका� जहींां� ।।
                                                         े
                                                       े
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                         ै
            पीौराकिणक मेंान्यता ह किक दवाताओंं की शस्तिक्त क्षोण हो गई थाी किजीसीक   मेंाघ कभा मेंेलाा इसीे किमेंनोंी कभा मेंेलाा क नोंामें सीे जीानोंा जीाता ह । प्रकितवाषि
                                                                                                  ै
                                                                             ुं
                                                                                    े
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            कारण उन्हे खोई हुई शस्तिक्त वाापीसी किदलाानोंं हतु श्रीी भागवाानों किवाष्णाु नोंं   मेंाघ मेंासी मेंं प्रयाागराजी मेंं आयाोकिजीत होता ह ।
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                                                                                        ै
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            दवाताओंं और दत्याों को सीमेंद्री मेंथानों हतु तैयाार किकयाा। सीमेंद्री मेंथानों क
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                                                   ं
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            दौरानों एक अमेंृत कलाश किनोंकलाा किजीसीे लाेकर इन्द् भागवाानों का पीत्रा   मेंहाकभा क प्रमेंुख आकषिण-
                                                     ु
                                                               ुं
                                                                   े
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            जीयांत उड़ गयाा तदपीरान्त गुरू शक्राचााया क कहनोंे पीर दत्याो नोंे जीयान्त
            का पीोछा किकयाा और काफी पीरिरश्रीमें क बाद दत्याो नोंे जीयान्त को पीकड़   1 - नोंागा सीा�ओं की पीेशवााई ।
                                    े
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            किलायाा । अमेंृत कलाश पीर अकि�कार जीमेंानोंे क किलाए दवा और राक्षसीों मेंे
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                                           े
            भायांकर याुद्ध चालाा। ऐसीा कहा जीाता ह किक याुद्ध क दौरानों अमेंृत किक
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            कछ  बुंद पीृथ्वीी पीर किगर गई किजीनोंमेंे सीे पीहलाी बंद प्रयाागराजी दसीरी बूंद
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            हरिरद्वाार तोसीरी बूंद उज्जैैनों चाौथाी बूंद नोंाकिसीक मेंं किगरी इसीकिलाए इन्हेी चाार
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                                      ै
            स्थाानोंों पीर कभा मेंलाे का आयाोजीनों होता ह ।
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            जीब वाृहस्पीकित बृषभा राकिश मेंं और सीयाि मेंकर राकिश मेंं प्रवाेश करते ह तब
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            कभा मेंलाे का आयाोजीनों प्रयाागराजी मेंं होता ह । जीब सीयाि मेंेष राकिश मेंं
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                                        ै
            और वाृहस्पीकित कभा राकिश मेंं प्रवाेश करते ह। तब कभा का आयाोजीनों
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                                      ै
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            हरिरद्वाार मेंं किकयाा जीाता ह । जीब सीयाि और वाृहस्पीकित का किसींह राकिश मेंं   2 शाही स्नाानों ।
                                 ू
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            प्रवाेश होता ह । तब याह मेंहाकभा मेंेलाा नोंाकिसीक मेंं लागता ह । जीब
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                                                 ै
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            वाृहस्पीकित किसींह राकिश मेंं और सीयािदवा मेंेष राकिश मेंं प्रवाेश करते ह तब कभा
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                                 े
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                                                 ुं
            मेंलाे का आयाोजीनों उज्जैैनों मेंं किकयाा जीाता ह किजीसीे किसींहस्था कभा भाी कहते
            ह ।
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                े
            कभा मेंलाे का प्रकार
             ुं
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                                                        े
            मेंहाकभा – याह कवाला प्रयाागराजी मेंं आयाोकिजीत होता ह तथाा 144 वाषि क
                                              ै
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            पी�ात याह दलाभाि सीयाोग बनोंता ह ।
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            पीणि कभा - पीणि कभा हर 12 वाषि मेंं आता ह। मेंख्या रूपी सीे भाारत क
                      ू
            चाार स्थाानोंो मेंं पीणि कभा का आयाोजीनों होता ह। जीसीे किक प्रयाागराजी,
                                           ै
                                        ै
                         ुं
            हरिरद्वाार, नोंाकिसीक, उज्जैैनों मेंं 12 वाषि क अन्तराला पीर बारी-बारी सीे होता
                                   े
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            ह ।                                             मेंहाकभा दकिनोंयाा की सीबसीे बड्ी सीांस्कृकितक सीभाा ह इसीे यानोंस्कृो की
                                                                   ु
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            अ�िकभा - याह भाारत मेंं कवाला दो स्थाानोंो प्रयाागराजी और हरिरद्वाार मेंं हर   प्रकितकिनोंकि� सीचाी मेंानोंवाता की अमेंति सीास्कृकितक किवारासीत मेंं शाकिमेंला किकयाा
                            े
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                                                                                ू
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            6 वाषि मेंं आयाोकिजीत होता ह ।                  गयाा ह । इसी वाषि 144 वाषो क अन्तराला क पी�ात मेंहाकभा प्रयाागराजी
                             ै
                                                                ै
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            कभा मेंेलाा - 4 स्थाानोंो पीर राज्य सीरकारों द्वाारा 3 सीाला क अंतराला पीर   मेंं आयाोकिजीत हुआ जीोकिक भाारतवाषि मेंं सीकिदयाो सीे आयाोकिजीत हो रह
             ुं
            आयाोकिजीत होता ह ।
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