Page 270 - Sanidhya 2025
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                                                             रामादिचरता माानस हींमा जोंवन जोंन कें केला सिसखाताा हीं। इसं
                                                                                     े
                                                                                                    ै
                                                             केो मााध्यामा बनाकेर शेालंना न रामा मादिदार स्थाापना दिदावस
                                                                                         �
                                                                                    े
                                                             पर नत्य कें प्र�दिता कें हीं।
                                                                                ै
                                                                          ु
                                                                 ृ
                                                                         ू
                                                                                                 े
                                                                  े
                                                                                      ै
                                                             इन्होोन एके अनठा प्रयास दिकेया हीं और शेायदा स भाारता वर्षा  य
                                                             केा पहींला प्रयास हींोगेा और सिजोस कें एके सफलतामा प्रयास
                                                                                     े
                                                                                                   ्
                                                             केहींा जोा सकेताा हीं ‘केथके योगे’। केथके योगे एके एसं
                                                                           ै
                                                                              �
                                                                        ं
                                                                   ै
                                                                                         े
                                                             दिवद्याा हीं सिजोसमा वाद्या यत्रो एव घाघारू के सकेारात्मके प्रभााव
                                                                                    ुँ
                                                                                  �
                                                                    य
                                                             केो दाशेाता हुए शेारंरिरके ताथा माानसिसके व्यायामा दिकेया
                                                                     े
                                                             जोाताा हीं। इसमा माल 12 यौदिगेके दिक्रोयाय कें जोातां हीं सिजोसके
                                                                   ै
                                                                                                        े
                                                                                                   ै
                                                                          ू
                                                                                          ं
                                                                        ं
                                                             मााध्यामा स शेरंर, मान एव माल्कि�ष्कर्षा आध्यााल्कित्मके सामाजोस्य
                                                                     े
                                                                                                     �
                                                                                �
                                                                                              �
                                                                   ै
                                                                            ं
                                                                                 य
                                                             हींोताा हीं। और इसमा 75 वर्षा ताके कें मादिहींलाए शेारंरिरके एव  �
                                                                                              �
                                                                                        ै
                                                                                            ं
                                                             माानसिसकेताा रोगेो स माल्कि� पा रहींं हीं इसमा अगे उपागे प्रत्यगे
                                                                              ु
                                                                                                        �
                                                                            े
                                                                                                   �
                                                                                      ै
                                                                  ु
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                       श्रीीमाती �ालाीनोा �तवादी             केा सन्दर सल्किम्माश्राणों दिकेया गेया हीं ताादिके लोगेो� केो सहींजो
                                          ु
                   पत्नीं श्रां अदिनल चतावदां, DIG CRPF      नत्य के मााध्यामा स भाारतांय सस्कृदिता स भां जोोड़ाकेर रखा जोा
                                     े
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                                                                          े
                                                                                     ृ
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                                                                                         े
                                                                                   �
                                                             सके ।
                                                                े
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            श्रांमातां शेालंना चतावदां एके शेास्त्ंय नत्य केथके कें
                                                                 े
                                                                                            ः
                                                                                          ं
                                                                                                   ृ
                                                                                               ु
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                                                                    �
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            नत्यागेना हीं। इन्होोन पद्मभार्षाणों उमाा शेमाा जों ताथा पदि�ता   इनके  सस्थाान मा केई ऐस बच्चे हीं सिजोन्हो दिन शे� नत्य सिशेक्षा
                                                 �
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                                                                        ै
                                                                                           �
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            शेारदाा माहींाराजो जों स दिवदिधावता केथके नत्य केा प्रसिशेक्षणों प्राप्त   प्राप्त हींो रहींं हीं ताादिके व अपनं सभ्याताा सस्कृदिता स जोड़ाकेर
                                                                                   े
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                 ै
            दिकेया हीं और दिवगेता 35 वर्षां स झारखण्ड के बाल ताथा यगे   अपनं प्रदिताभाा केो दिनखार सके ।
                        ृ
            केलाकेारो� केो नत्य सगेंता एव अदिभानय केा प्रसिशेक्षणों दा रहींं हीं।
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            इनके  सस्थाान न :-                               वतामाान मा शेालंना राचं दिवश्वादिवद्याालय (फाइन आटास) मा  ं
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                                                                                             �
                                                             अदितादिथ प्राध्याापके के ताौर पर केायरता हीं एव वतामाान मा शेभा
                                                                                                     ं
                                                                                                       ु
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            रामा कें शेल्कि� पजोा (सयकेाता दित्रपाठं दिनराला रदिचता) नत्य   सस्कृार दिक्रोएदिटाव �ास अकेादामां, राचं कें दिनदाशेके भां हीं,
                                                                          ै
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            नादिटाकेा केा माचन दाशे दिवदाशे मा दिकेया हीं।   उनकेा उद्देशेय हीं भाारतांय केला सस्कृदिता केा सचार प्रत्यके
                                   ं
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                                                             दिवद्यााथी ताके जोाए और वहीं इस केला सस्कृदिता केो दिवश्वा पटाल
                                                                                            ृ
                                                                                          �
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            केष्णु केा दिवराटा स्वारूप रल्कि�रथं के तातांय स उधाता श्रां   ताके लकेर जोाए और हींमाारा ध्याय वसधाव केटाम्बकेमा’ के
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                                                                      �
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            रामाधाारं सिसहीं दिदानकेर कें ओंजोस्वांय रचना पर इन्होोन  े  रूप मा दिनरतार सफलताा कें ओंर अग्रसर हींो।
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            भाारतांय सास्कृदिताके सबधा परिरर्षादा के ताहींता दाशे भार मा इसकें
                                                                                        े
                                                                      य
                                                                ं
            प्र�दिता दां।                                    इन्हो इस वर्षा संसंआरटां संदिनयर फलोसिशेप, भाारता सरकेार
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                                                                          ै
                                                             द्वाारा प्राप्त हुआ हीं।
            अपनं पहींचान सस्कृता भाार्षाा केो भां लोगेो� ताके पहुचान केा
                                                   े
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            उद्देश्य रखता हुए शेालंना न दागेा सप्तशेतां (नव दागेा) केा भां   व केई सस्थाानो� मा नत्य थरदिपस्ट के रूप मा भां जोड़ां हुई हीं।
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            माचन दाशेभार मा सस्कृता भाार्षाा मा दिकेया।
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