Page 275 - Sanidhya 2025
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सदैव खुुश रहेंं माँा तो हेंर हेंाल माँं माँा हेंोती हेंै
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मेंं अकिदकित झीा कक्षा-11 की छात्राा हू। मेंं आपीक सीमेंक्ष जीीवानों मेंं खशी दाुख मैं र्भी मैस्कूा� लिलए चालती ह, ै
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का क्या मेंहत्व ह इसीकी चाचाा करनोंा चााहूगी। सीवािप्रथामें मेंं उनों लाोगों क अपी�े आंचाल मैं सीार ग़मै छोुपीा लती ह, खदा टेटेी हो,
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प्रकित अपीनोंी सीवाेदनोंा और सीहानोंभाकित प्रकटी करती हू किजीन्हेोंनोंे जीीवानों क हिफर र्भी हमैं सीर्भाल लती ह, ै
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मेंल्या को सीमेंझीे किबनोंा ही आत्महत्याा किकयाा इसी प्यूारी सीी दकिनोंयाा को मैा� तो हर हाल मैं मैा� होती ह।
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छोड़ा। ऐसीे लाोगों क प्रकित मेंझीे बड़ा कष्ट होता ह जीो अपीनोंे इसी
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बेशकीमेंती जीीवानों को बवाजीह बबाद कर दते ह। जीसीा हमें जीानोंते ह ै रोटेी आधाी खा लती ह, पीर हमैं र्भरपीटे खिखलाती ह, ै
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मेंानोंवा जीीवानों अमेंल्या ह बसी हमेंं अपीनोंे आपी को सीदवा खुश रखनोंा ह ै सीपी�े हमैार पीर हों, इसीलिलए अपी�ी �ींदा गवााती है,
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और प्रसीन्न रखनोंा ह। अब बात आती ह किक खशी क्या ह? जीब हमें � बेोलती ह शिशुकवाा, � करती कोई फरिरयादा,
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वाा�वा मेंं अपीनोंे आपी को स्वीकार करते हुए एक अच्छाी सीोचा और मेंनों बेसी �ज़रों सीे दाुआए दाती �ाती है, बेारम्बाार।
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क सीाथा आनोंकिदत मेंहसीसी करते ह वाही खशी ह वाही प्रसीन्नता ह। आपीनोंे मैा� तो सीचा मैं हर हाल मैं मैा� होती ह।
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भाी दखा होगा किक जीो व्यास्तिक्त प्रसीन्न रहते ह तनोंावारकिहत रहते ह वाे
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हमेंशा सीफलाताओंं की सीीकिढ़ायाा� चाढ़ाते ह, अपीनोंे सीाथा वाालाों का अच्छाा बेचापी� की कहा�ी हो या बेुढाापीे की छोाया,
मेंागिदशिनों करते ह और एक अच्छाा इसीानों बनोंते ह। वाहीं दसीरी ओंर मैा� क निबे�ा सीबे अधाूरा ह, यही तो उसीकी मैाया,
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अप्रसीन्न व्यास्तिक्त सीदवा तनोंावा मेंं रहता ह, गलात किवाचाार उनोंक किदमेंाग मेंं वाो मैहिदार की मैूरत �हीं, पीर र्भगवाा� सीे कमै र्भी �हीं,
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चालाता रहता ह, वाे कोई किनोंणिया नोंहीं लाे पीाते ह, उनोंक सीाथा वाालाे लाोग भाी हर दादा की दावाा ह, हर खशुी की वा�ह वाही।
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सीदवा पीरशानोंी मेंं रहते ह। इसीकिलाए आवाश्यक ह किक हमें सीभाी सीदवा मैा� तो सीचा मैं हर हाल मैं मैा� होती ह।
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खुश रह जीसीे किसीद्धांत को जीीवानों मेंं अपीनोंाए। क्योंनेकिक प्रसीन्नता एक ऐसीा
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यात्रा ह किजीसीक सीहार हमें स्वस्था रह सीकते ह, तनोंावामेंुक्त रह सीकते ह, ं कपीड़ों मैं �हीं आ�चाल मैं लिलपीटेी होती ह, ै
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अपीनोंी शारीरिरक क्षमेंता को बढ़ाा सीकते ह और अपीनोंे कीमेंती जीीवानों को मैा� तो सीचा मैं हर हाल मैं मैा� होती ह। ै
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सीफला बनोंा सीकते ह।
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तरा हर दादा पीहल उसीे मैहसीसी होता है,
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अब प्रश्न उठता ह किक हमें खुश कसीे रह? त अगर खो �ाए पीलर्भर को, उसीका �ीवा� अधाूरा होता ह। ै
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मैा� तो हर हाल मैं मैा� होती ह। ै
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इसीक किलाए मेंं आपीको कछ मेंत्रा दती हू। पीहलाे अपीनोंे आपी सीे प्यूार कर,
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आपी मेंं जीो अच्छा गुण ह उसीे और किनोंखार और उसीकी सीराहनोंा कर, तरी हर पीहली �ीत की गवााह होती ह, ै
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दसीरों मेंं ऐब ढुंढुंनोंे क चाक्कीर मेंं नोंा रह, हर छोटीी-छोटीी खकिशयाों मेंं और हार मैं सीबेसीे पीहली ढ़ेंाल होती है।
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आनोंकिदत रह, अपीनोंी आवाश्यकता को अपीनोंी आमेंदनोंी तक सीीकिमेंत रखं, तर निबे�ा उसीे कछो र्भी अच्छाा �हीं लगता ह, ै
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बवाजीह क आड्म्बरों मेंं नोंा पीड़, किजीतनोंा सीा�नों हो उतनोंी ही चााहत रखं, त पीासी हो तो कांटेों मैं र्भी फलों सीा �ीवा� लगता ह ।
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मेंानोंवाीया मेंल्याों को सीमेंझीं, सीामेंाकिजीक रिरश्ताों को मेंानोंं, पीरिरवाार को मैा� तो हर हाल मैं मैा� होती ह।
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अपीनोंाए, किनोंयाकिमेंत व्याायाामें कर, याोगा कर, खलाकद मेंं भााग लां और
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सीमेंया-सीमेंया पीर अपीनोंे मेंनोंपीसींद किफल्म याा टीी.वाी. कायािक्रमें दखं। आपी वाो �ो चापीचाापी तुझसीे दाूर रहकर र्भी दाुआए दाती ह, ै
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दखनेगे आपी स्वयां मेंं किकतनोंा अच्छाा मेंहसीसी करनेगे, अपीनोंे आपी मेंं आनोंंद तरी तस्वीर को नि�हारकर ही सीक� लती ह, ै
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आयागा और याही तो हमें खुश ह का लाक्षण ह। अंत मेंं मेंं मेंशहूर किहदी उसीका प्याार शुब्दोों सीे पीर ह, ै
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किफल्म 3-Idiots क ड्ायालाॉग All is Well की यााद आपी सीबों को मैा� सीे बेड़ा इसी धारती पीर कोई �हीं ह।
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किदलाानोंा चााहूगी किक जीब हमें मेंं अपीनोंे आपी मेंं याह आदत हो जीाएगी, मैा� तो हर हाल मैं मैा� होती ह।
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जीब हमें अच्छाा सीोचानोंे लागनेगे, हमें प्रसीन्न रहनेगे, खुश रहनेगे तो हमेंारा
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किदमेंाग हमेंारी चाेतनोंा स्वयां बोलागी
दिशवंा�ी शखावंत
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अदिदोंदित झौा पीत्राी उकिनों0/मेंंत्राा0 वााई.एसी.शखावात
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पीत्राी श्रीी आशीष कमेंार झीा, कमेंांड्न्ट
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ग्रपी कन्द्, गुरूग्रामें उत्तरी सीैक्टर मेंुख्याालाया, नोंई किदल्लीी
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