Page 47 - Sanidhya 2024
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र्थ� गई र्थी। उ�सं किबल्कल चला �हैींं जाा �हैा र्था। रुद्र उ�� किलए
घांड़ीा ���ा चाहैता र्था लकि�� उन्हों� या बंल�� मु�ा �� कि�याा कि�
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बारि�शी बहुत ज्या�ा है, घांड़ीा किफसंल गयाा तं किफ� गड़ीबड़ी हैं
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जाायागी। वां लंग शीामु �ं मुकि�� पहुच गया र्थ। बारि�शी रु�� �ा
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�ामु हैी �हैींं ल �हैी र्थी। संब� संामुा� �खु� � किलए ए� �� किलयाा।
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उसं� बा� मुकि�� �ी त�फ चल गया। अभाी वाहैा आ�ती शीरू �हैीं
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हुई र्थी। संब मुकि�� �ी परि�क्रमुा ��� लग। रुद्र बंला ‘मुा, अभाी आ�ती
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शीरू �हैीं हुई है, मु �ंस्तुंं � संार्थ ऊँप� भा�ंं जाी � �शी� ��� आता
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हूँ । मुा � �हैा ‘ठी� है, प� आ�ती शीरू हैं� सं पहैल आ जाा�ा। रुद्र
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अप� �ंस्तुंं � संार्थ भाागता ऊँप� चला गयाा। शीामु � 7.15 याा 7.30 �
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��ीब बहुत जां� सं बा�लंं �ी ग�जा सं�ाई �ी। रुद्र भा�ंं मुकि�� मु �शी�
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�� �हैा र्था उसं� जासं हैी पल� �� �खुा उसं�ी आखुंं � आग ए� ग मुगी � ।
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बहुत हैी भायाा�� मुजा� र्था। पा�ी �ा अधैाधैधै संलाब र्था, जां ग्लेकिशीया� उसं� हैार्थ जांड े
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�ं अप�ी चप� मु लता हुआ मुकि�� �ी त�फ जाा �हैा र्था। रुद्र �ी आखु ं औ� बंला “कि�त�ा अ�ला � �
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फ�ी �ी फ�ी �है गई। उसं आवााजा � उसं� कि�ल मु ए� ड� बठा कि�याा आप� मुझे। संब �छु छुी� किलयाा मुझेसं, मु संब� संार्थ आयाा र्था
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कि�याा। वां संमुझे गयाा कि� �ंई प्रलया है। औ� संहैी मुाया� मु वाहै प्रचड आप� आशीीवाा� � किलए। आप� क्या कि�याा? संब�ं अप� पासं हैी
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प्रलया हैी र्था। किजासं� बफ � बड़ी-बड़ी ग्लेकिशीया� �ं पल� झेप�त हैी बला किलयाा औ� मुझे याहैी छुंड़ी कि�याा, बसंहैा�ा।” तभाी उसं अप� किसं� प�
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बहैा कि�याा। रुद्र � �खुा बा�ल फ�� �ी वाजाहै सं संब �छु जाल मुग्न कि�संी �ा हैार्थ मुहैसंसं हुआ। उसं� �खुा, वाहैी अघाौ�ी र्था। रुद्र �ं अप� े
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हैंता जाा �हैा र्था। उसं संमुझे हैी �हैीं आ �हैा र्था कि� अचा�� क्या हुआ। �� मु उसं वा� वां अघाौ�ी हैी अप�ा संा लगा। अगल कि�� अघाौ�ी रुद्र
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रुद्र भा�ंं जाी � मुकि�� मु र्था जां ��ा��ार्थ मुकि�� सं बहुत ऊँप� �ी �ं मुकि�� ल गयाा। वाहैा उन्हों� �शी� कि�ए।
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त�फ र्था। इसंकिलए बचा हुआ र्था। तभाी उसं� �खुा कि� ए� बहुत बड़ीी �ं�ंं वाापसं गौ�ी�ण्ड �ी त�फ चल पड़ी। 3-4 कि�लामुी��
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किशीला पा�ी मु बहै �� आ �हैी र्थी। वां ��ा��ार्थ मुकि�� � पीछु अ�ायाासं �े बा� अघाौ�ी रु� गयाा। उसं�े रुद्र संे �हैां ‘�ु छु संु�ा? रुद्र �े �हैा
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रु� गयाी किजासंसं पा�ी �ा बहैावा �ं किहैस्सां मु ब� गयाा औ� मुकि�� �ं ‘�हैीं,। अघाौ�ी बंला ‘घ्याा� संे संु�ं‘। रुद्र �े �ा� लगायाा तं उसंे �ूं -�ूं
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�ंई ��संा� �हैीं हुआ। तभाी रुद्र � �ा�ंं मु उसं� �ंस्तुंं �ी आवााजा �ी आवााजा संु�ाई �ी। रुद्र भााग �� घाा�ी �ी त�फ गयाा तं �ेखुा �ीचे
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पड़ीी। जां जां�-जां� सं चीखु �है र्थ। मुा-किपताजाी, भााई। तभाी रुद्र �ं हैंशी ��ी मुं ए� श्वा�ी बफि �े पा�ी मुं बहैते हुए आ �हैी र्थी। रुद्र �ं लगा
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आयाा कि� उसं�ा परि�वाा� भाी मुकि�� � पासं है। रुद्र जां� सं किचल्लीायाा जाैसंे उसं�ा �ंई अप�ा हैं। उसं�े आवा �ेखुा � तावा। अप�ा बैग फं �ा
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औ� �ीच �ी त�फ भााग� लगा। उसं� �ंस्तुंं � उसं प�ड़ीा औ� बंल औ� �ीचे �ी त�फ भाागा। उसं�े जाल्दीी संे जाा�� उसं छुं�ी संी श्वा�ी
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‘�हैा जाा �हैा है। �छु �हैीं बचा‘। रुद्र � �खुा ए� पल मु संब �छु �ं बफि �े पा�ी संे बाहै� कि��ाला। श्वा�ी �ाँप �हैी र्थी। उसं�े श्वा�ी �ं
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जालमुग्न हैं च�ा र्था। ��ा� �ी गहै�ी-गहै�ी घााकि�याा जाल सं भा� गई र्थीं। अप�ी जाै�े � मुं किछुपा किलयाा। वां उसंे ले�� ऊँप� आयाा। तभाी अघाौ�ी
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�हैीं �ंई कि�खुाई �हैीं � �हैा र्था। मुकि�� �ं छुंड़ी �� संब �छु जाल मु बंला ‘�हैाँ र्था �, याे �े �ा� �ी घााकि�याां हैै भांले, �ु छु �े�� हैी जाायांगी।
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संमुा गयाा र्था। अर्थाहै जाल प्रवााहै संब�छु बहैा ल गयाा। �वाल मुकि�� � मुहैा�ेवा �ा प्रसंा� हैै ते�े किलए‘। रुद्र �े उसंे संहैलायाा। �ु�ा� वााले संे
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अ�� जां लंग औ� पकिडत र्थ। वाहैी बच र्थ। रुद्र � �ीच �ी हैालत �खुी र्थंडा संा गमुि �ू धै किलयाा औ� उसंे किपला�े लगा। �ु�ा� वााला बंला बड़ीा
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औ� जां� सं किचल्लीायाा औ� इसंी � संार्थ वां अप�ी संंच सं बाहै� आयाा। प्यूा�ा औ� संुं�� पप्पीी हैै। क्या �ामु हैै इसं�ा? रुद्र चुप हैं गयाा। तभाी
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इसं सं� मुौसंमु मु भाी रुद्र पसंी�ा-पसंी�ा हैं गयाा र्था। अघाौ�ी � रुद्र सं अचा�� अघाौ�ी �े �हैाँ ‘भाै�वाी‘। रुद्र चुपचाप खुड़ीा र्था। रुद्र “भाै�वाी” �ं
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पछुा ‘क्या हुआ? �छु ब�ा याा� आयाा? रुद्र �ं ए� पल � किलए ऐसंा �ू धै पीता छुंड़ी�� जाा�े लगा। �ु�ा� वााला बंला ‘भााईसंाहैब आप�ी
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लगा जासं वां अघाौ�ी उसं�ी संंच मु उसं� संार्थ र्था। उसं� भाी संब �छु भाै�वाी‘। रुद्र �े �हैां ‘मुे�ा �ंई �हैीं हैै औ� वां वाहैाँ संे चला गयाा। अघाौ�ी
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�खुा हैं। रुद्र � अप�ा बग उठायाा औ� चल कि�याा। शीामु हैंत हैंत रुद्र बंला ‘किजासंे जाीवा��ा� कि�याा हैै, उसंे ऐसंे हैी छुंड़ी�� चल �ंगे। रुद्र
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��ा��ार्थ पहुच गयाा र्था। आ�ती �ा संमुया हैं च�ा र्था। हैल्की-हैल्की बंला ‘अब कि�संी अप�े �ं खुं�े �ी ता�त �हैीं हैै मुुझेमुे। वां धैी�े संे
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बारि�शी हैं �हैी र्थी। रुद्र हैार्थ जांड़ी �� मुकि�� � संामु� खुड़ीा र्था। आ�ती बंला ड� लगता हैै, औ� वाहैाँ संे चला गयाा। भाै�वाी भाी उसं�े पीछुे -पीछुे
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हैं� � बा� रुद्र मुकि�� � संामु� बठ गयाा। बारि�शी तजा र्थी औ� रुद्र आ�े लगी। रुद्र �े उसंे मुुड़ी�� भाी �हैीं �ेखुा।
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