Page 48 - Sanidhya 2024
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                     गौ�ी�ण्ड पहुच�  � बा� रुद्र � उसंी �ी� शीड  � �ीच  औ� �हैा ‘भा�वाी‘ आजा सं तमु मु� संार्थ हैं। रुद्र � चहै� प� खुशीी  औ�
                                                                                                              ु
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              बसं�ा कि�याा। �ाकि� �ा पहै� र्था औ� चा�ंं त�फ शीाकित  र्थी। �ीं� मु संासंंं  आखुंं मु आसं र्थ उसं� स्नाहै सं भा�वाी �ा किसं� संहैलायाा। श्वा� संबसं  े
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              वा �छु� खु�ा�ंं � बीच हैल्की संी सं�-सं�ा� �ी आवााजा आ �हैी र्थी।  वाफा�ा� हैंत है। मुा�ा  श्वा� भा�वाी सं रुद्र �ं लगावा हैं गयाा। जाब संब
                                                                                            े
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              संभाी र्थ�-मुा� कि�द्रा � आगंशी  मु बसंधै संं �है र्थ। भा�वाी भाी रुद्र �  अप� छु� जााया तं पालत जाा�वा� अ�लाप� वा अलगावा �ं �� ��त है।
                                                                                            े
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              संार्थ  �म्बल  मु  आ��  चप�  सं  किचप�ी  हुई  र्थी।  अचा��  उसं�ी  किजा�मु �ंई छुल-प्रपच �ी भाावा�ा �हैींं हैंती।
                                                                      ं
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              इखिन्द्यां  संकिक्रया हुईं। उसं�ी आखु खुल गई। �छु हैी पल मु वां अखिस्था�      अगली संबहै रुद्र भा�वाी �ं ल�� संं�प्रयााग आयाा। उसं� वाहैा  ं
                                                                                             े
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              हैं गई। इधै�-उधै� शीात  ��मु औ� चौ�सं कि�गाहैंं सं �खु� � बा�  अप�ी संाईकि�ल � पीछु भा�वाी � बठ� �ी जागहै ब�वााई। उसंमु गद्देी
                                                     े
                                                                                   े
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              आवााजा ��� लगी। संभाी गहै�ी �ीं� मु ली� र्थ। भा�वाी �ी आवााजा सं  लगाई औ� भा�वाी �ं उसंमु किबठा कि�याा। तभाी ए� पकिलसं वााला आयाा औ�
                                                               े
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              अघाौ�ी �ी आखु खुलीं। उसं� भा�वाी �ं डा� �� चप ��ा� �ी चष्ट्ा  बंला ‘अ� या संाईकि�ल है�ा याहैा सं, जाामु लग �हैा है’। इसंसं पहैल �ी रुद्र
                                                                        े
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              �ी लकि�� भा�वाी जां�-जां� सं आवााजा ��� लगी। तभाी रुद्र भाी उठ गयाा  �छु �हैता भा�वाी पकिलसं वााल �ी त�फ जां�-जां� सं घा�ा� लगी। पकिलसं
                                                                                                                 ु
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                                                                                                           े
                                  े
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                                                                             े
                                                            े
                                                                                             ं
              औ� वां भाी भा�वाी �ं डा�� लगा। रुद्र � �खुा भा�वाी उसं� पीछु �खु  वााला र्थंड़ीा पीछु हैं�� ��मु आवााजा मु बंला ‘भााई जाामु लग �हैा है, है�ा
                                                              े
                                                 ै
                                                                                    ु
              �� किचल्लीा �हैी र्थी। रुद्र � �खुा उसं� पीछु ए� किवा�धै� फ� फलाया  ल प्लीीजा‘। रुद्र धैी� सं मुस्क�ायाा औ� संाईकि�ल ल�� वाहैा सं चला गयाा।
                                                                                                          ं
                                                            ै
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                                                                     ै
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              बठा र्था। भा�वाी � आवा �खुा � तावा। वां उसं प� झेप� पड़ीीं। शीं�गल  वां भा�वाी �ं �खु जाा �हैा र्था। उसं�ी आखुंं मु आसं र्थ। उसं� भा�वाी �
                      ै
                                                              ु
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                                             े
              औ� भा�वाी �ी संकिक्रयाता सं किवा�धै� वाहैा सं चला गयाा। रुद्र �ी जाा�  खुा� � किलए बहुत �छु संामुा� किलयाा। अप�ी संाईकि�ल उठाई औ� आग  े
                                                                                ु
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                                    ू
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                                                                                        े
                       े
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                                                                   े
              बची।  ड�  सं  उसं�ा  हैल�  संखु  गयाा।  संभाी  �  “है�-है�  शीम्भ”    �ा  � संफ� प� कि��ल गयाा। तबसं भा�वाी औ� रुद्र संार्थ-संार्थ भाा�त भ्रमुण
                                                   े
                                         ै
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                                                                         ं
              जायाघां�  कि�याा। भा�वाी रुद्र � संमुीप बठ गई। रुद्र � भा�वाी �ं उठायाा  �� �है है ।
                                                                       े
                                                     ै
                                  े
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