Page 35 - Darshika 2020
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सबस आग वाल बैलगाड़ी वालों ने जो सबस पहल फल खा चुक थे, उनकी हालत सचमुच खराब हो रह
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थी। उनका भसर चकरा रहा था व पेट म मरोड़ उठ रह थे। व्यापार द्वारा समय रहते चेताने व उश्ल्टयां
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कराने पर सबकी जान बच गई । उिर चारों ठग बड़ तनरार् हए। उनक हाथ स सुनहरा मौका तनकल
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गया ।
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क ु छ लोगों ने व्यापार स भर्कायत की कक जब उन्ह पता था कक उस पेड़ क फल जहर ले ह तो पहले ह
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सबको टयों नह ं बताया। व्यापार बोला "मुझ भी पहल पता नह ं था। मैं भी इस मागष स पहल बार यािा
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कर रहा ह। मैंने बस दखा कक फल दखने म तयार ह। रसील-मीठ ह, टयोंकक एक फल पर चींहटयां धचपकी
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थीं। तो टया कारण ह कक यह पेड़ फलों से लदा ह? जबकक पास ह गांव ह। गांव क लोग तो ऐसे पेड़ क
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फल सबस पहल कच्चे ह खा जाते ह। मैंने सामान्य बुद्धि का प्रयोग कर तनष्कर्ष तनकाला कक य फल
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अवश्य ह जहर ले ह ।" कफर उस चतुर व्यापार ने अपने आदभमयों स उस पेड़ को कटवा हदया ताकक कफर
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कोई राहगीर िोखा न खा जाए। चारों ठग उसे दखते रह गए।
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सीख : हर चमकने वाल चीज सोना नह ं होती। श्जस कोई हाथ नह ं लगा रहा ह समझो कक इसम क ु छ
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भार दोर् ह।
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