Page 36 - Darshika 2020
P. 36
आज का ज्ञान
े
एस. श्रीरामन, प्र.श्र.र्ल.
~ स्िी क बगैर ~
े
पुरुर् की श्जदगी बकार है
ं
े
उसे हमेर्ा एक स्िी का साथ चाहहए
कफर वो चाह मश्न्दर हो या संसार
े
महदर म क ृ ष्ण क साथ --> *रािा*
े
ें
ं
राम क साथ --> *सीता*
े
र्ंकर क साथ --> *पावषती*
े
सुबह स रात तक मनुष्य को
े
अपने हर काम म ें
*एक स्िी की*
आवश्यकता होती ह ह ै
पढ़ते समय --> *ववद्या*
कफर --> *लक्ष्मी*
और अंत म --> *र्ााँतत*
ें
हदन की र्ुरुआत --> *ऊर्ा* क साथ,
े
हदन की समाश्तत --> *संध्या* से होती ह ै
े
ककन्तु काम तो --> *अन्नपूणा* क भलय ह करना ह ै
ष
े
36