Page 4 - Spagyric Therapy Part- 1st (5)
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इस प तक म द गई ास गक व धय , नसक को मन े
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वय पर , फर अपन माता - पता , प नी और सकड़ यवा
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और बजग पर आजमाया ह और उनक फ़ायद को जाचा
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परखा ह। म कोइ फ स नह लता नाही कोई डोनशन लता ।
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म कसी कपनी क उ पाद का चार सार नह करता ।
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ज रक थरपी क चार सार म , जन हत व आ म सत ही
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मरा यय ह ।