Page 6 - Spagyric Therapy Part- 1st (5)
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तावना
आज जो हमारा जीवन इतना तजी स भाग रहा ह, जहा हम अपन
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क लए, अपन को हमार लए ब कल समय नह ह और एक
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मह वाका ा जस एक अ ा घर, गाड़ी, पया-पसा, नाम शोहरत
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जस तो सफ यही हमारी मह वपण आव यकताय बन गई ह । य े
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लगभग हर एक का सपना ह और इसम कोई अ तशो
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नह ह क लोग न इस साकार भी कया ह । ल कन गौर करन े
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वाली बात य ह क य सब सपन साकार होन म सबस बड़ा
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योगदान कसका था ? व ान का ! जो आज हमार सबह उठन स े
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लकर रात को सोन तक क हमार द नक जीवन म शा मल ह और
उसी स हमारा जीवन सरल बना ह एव हम कम समय म ब त सार े
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काय सफ एक ही दन म पण कर लत ह । इसी व ान म जड़ा ह ै
च क सा व ान जो भी आज हमार जीवन का एक भाग बन गया
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ह । जदगी जतनी तज ई ह, व ान न जतनी तर क क ह ै
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उतनी ही बीमा रया भी बढ़ ह । परत ऐसा नह ह क च क सा
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व ान न तर क न क हो, च क सा व ान न भी उतनी ही
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तर क क ह और आज व म च क सा व ान न अपना नाम
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बना रखा ह । व म ब त सार च क सा व ान मौजद ह
जनका अपना अपना इ तहास ह ।
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