Page 10 - Spagyric Therapy Part- 1st (5)
P. 10
आभार
नम कार सा थय ,
ु
े
े
म डॉ. योग परो हत आपको दय क गहराई स बधाई दना
ृ
ँ
चाहता क हमार बीच अब ऐसी ाक तक च क सा प त
े
आ गई ह जसम असा य रोग का बना कसी भाव क
े
ै
ै
ं
ृ
उपचार सभव ह । इस ाक तक च क सा प त का नाम ह ै
े
े
ै
े
े
े
े
े
े
ज रक थरपी ..! मर और मरी ज रक ट म क अथक
ै
यास स मन इस च क सा को पनः जी वत करन का ज मा
ु
े
े
े
उठाया ह । मन इसम ब त सार शोध और योग करक
े
े
ै
े
ं
इसको वक सत एव पहल स भी यादा श शाली बनाया ह ै
े
े
े
ँ
ु
। म आज खलक बोल सकता क हर तरह क असा य रोग
े
े
े
ै
े
े
का उपचार ज रक थरपी स पण प स कर सकत ह ।
े
े
ू
हमार आयवद म एक ोक ह "रसः र : च श : ाणी,
ु
ै
ु
े
ु
ु
द घाय रा ोती" य द हम अपन शरीर क रस व र को श
े
े
ं
ु
े
ु
े
व सतलन रखग तो हम लबी आय तक जी सकत ह । आज
ं
ै
हमारा जीवन तता स भरा आ ह और इ ही
े
ु
तता क चलत हम हमारी दनचया को सचा प स े
े
े
ु
चलाना भल चक ह। इसी भल क वजह स हमारा शरीर
ू
ू
े
े
ु
ै
बीमा रय का घर बन चका ह। इस बगड़ी ई दनचया का
सबस बड़ा ह सा हमारा भोजन ह ।
े
ै