Page 15 - Spagyric Therapy Part- 1st (5)
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मझ लगा क डॉ. साहब मझ सफ खली आख स एक सपना
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दखा रह ह, य सभव नह ह । ल कन जसा क मन श आत
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म कहा था क म सफ वा त वकता म व ास करता , तो
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एक दन डॉ. परो हत जी न मझ एक च क सा श वर म
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बतौर अ त थ इसक भाव को दखन क लए बलाया और
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मन दखा क महीन परान घटन दद स जझ रह रोगी, जो
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महीन स सफ एलोपथी दवाइया लकर खदको सफ राहत
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द रह थ , उनका दद ज रक दवाई सफ लगान स ही गायब
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हो गया । ज रक दवा का असर इतना तजी स आ क 2
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मनट भी पर नह ए और उस रोगी क मह स नकला डॉ.
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साहब... ध यवाद ! आज जाक मझ दद स परी तरह राहत
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मली ह । मझ फर भी यक न नह था दमाग म था क ऐसा
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तो बलकल भी सभव नह ह य तो चम कार क तरह ह, हो
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सकता ह डॉ. साहब न अपना ही कोई बठा रखा हो ।
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तो मन खद पर इसका अनभव कया, लगभग दो माह स मरी
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कमर म पीछ क तरफ दद था । मन वह दवा लगाई और मर े
2 माह क दद को गायब होन म पर 2 मनट भी नह लग और
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मझ इस चम कार पर यक न आ । इसक बाद इस थरपी को
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मन प रवार और म पर थरपी को आजमाया। वो सब आज
पण प स व ह उसक बाद म खद डॉ. साहब क साथ
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