Page 13 - Spagyric Therapy Part- 1st (5)
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इनक चलत शरीर म टॉ सनस जमा होत रहत ह । जनस े
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शरीर क अग सही ढग स काम नह कर पात ह और हम
बीमार हो जात ह । अगर इन टॉ सनस को शरीर स बाहर
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नकाल दया जाए, तो सम या का इलाज हो जाता ह । शरीर
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स टॉ सनस बाहर नकालन क या ही ज रक थरपी
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ह । इस समय समय पर आजमात रहन स हम व बन रह
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सकत ह । बस समय समय पर ल ज करत रह । इसस आप
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रोग त होन स बच रहग । सा थय ज रक थरपी क शोध
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पर आप सभी को शभकामनाएं दता । ज रक थरपी,
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च क सा क म नई ा त लकर आएगी एव इसस हम
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ब त ही गभीर रोग को ठ क करक लोग को आरो य दान
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करग । म उन सभी सा थय का वागत एव आभार दान
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करना चाहता ज ह न अभी तक ज रक थरपी स लाभ
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लया, इस बढ़ावा दया एव जो ज रक थरपी स जड़ ए ह
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। ज रक थरपी म जो भी साथी अपना अम य समय का
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योगदान दना चाहत ह म उन सा थय का दय स वागत
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करता !
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डॉ. योग पुरो हत