Page 18 - Spagyric Therapy Part- 1st (5)
P. 18

ेजै रक थैरेपी





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                                     े

                                                                                            ै
                                                                     ु

                       े
     च क सा  व ान न  पछल सौ-डढ़ सौ साल म अक पनीय, अतलनीय  वकास  कया ह।  फर भी बीमा रय  म कोई
                              े
                                               ं
    कमी  नह   आयी  ह।  उ ट  आज  बीमा रया  पहल  क   मता बक  काफ    यादा  बढ़  गयी  ह।  हम  जो  तमाम  तरह  क               े
                       ै
                                                            ु

                                                     े
      जव ट ज  और  क मक स  य   आहार   हण  कर  रह  ह  और   जस  अश   हवा  म  सास  ल  रह  ह,  उसस  जान-
                                                                                              ं

                                                            े
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                                                                                                       े
                                   ु
                                                                                                                       े
                                                                                                                 े
                                                                                                   े
    अनजान हम नकसान ही प च रहा ह। घर क  साफ-सफाई वगरह क  लए हम  जन  लीनस का इ तमाल कर कर
                                                                    ै
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    रह  ह,  वो  सब  भी  हमार  शरीर  क   लए  नकसानदायक  ह  और  तो  और  घरल  इ तमाल  क  इल टॉ नक  उपकरण,
                                               ु
                                      े

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                                                                                         े
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    मोबाइल फो स वगरह न न  सफ वातावरण को    षत  कया ह, ब  क य हमार शरीर म भी टॉ  स स तथा रोग क                           े
                                                                                                           ्
                                                                               े
                                                                                     े
                             े
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                                         े
    कारक ‘   र डक स’ को बढ़ावा दत ह।   स हारमो स, ए जाइट  व अ य नकारा मक भावनाएं और  व भ   कार
                                                े
                                       े
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                                                                                                                    े

    क  मान सक गड़ब ड़या भी हमार शरीर म    र डक स को बढ़ाती ह। नतीजतन, हम बीमार और बीमार होन लग                             े
                                                                                               ै

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                                                                                                                  े
    ह। शरीर म इन   षणकारी व  वषल त व  क जमाव को रोक पाना लगभग नामम कन ह, इस लए कदरत न हमार                              े
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                                                                                                          ु
                                                                                      ु
                                                  े

                                                                                                        े
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    शरीर क  रचना ही कछ इस तरह क  ह  क हम काफ  हद तक, खद-ब-खद इस  वषल जमाव स  नजात  मलती
                                             ै
                                                                                            ै
                                                                                              े
                                                                         ु
                                                                                 ु
                                                                                       ्
                                                                े
                                                                                                                   ै
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                  ै
    चली जाए। जस  क शरीर आस, पसीना, मल-म  आ द क ज रए जमा टॉ  स स को  नकाल बाहर करता ह। यह
                                                                                            े
                                         ं
                                                                                 े
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                                                                                                                      ु
    एक कड़वा सच ह  क टॉ  स स, अद नी और बाहरी दोन  ही, आज हमार रोजमरा क जीवन का  ह सा बन चक                               े

    ह। अतः यह  वीकार कर लना  क इनस बचाव का माग शरीर खद ढढ़ लगा, अन चत नह  ह। ल कन जस  क मन                               े

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                                                                                       ु

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                                                                          ूं
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                                                                                                              ै
                                                                                                                े

      ू
    पव म चचा क  ह, हमारी रोजमरा क   जदगी म बढ़त तनाव क  तर और हमार आसपास क वातावरण म बढ़त                                 े

                                                                     े
                      ै

                                                            े
                                                                                       े

                                                                                                    े



    क मक स-प  टसाइडस आ द क  वजह स हमार शरीर म टॉ  स स क  भरमार होती जा रही ह। ऐस म शरीर क                               े
                                                                         ्

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                 े
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                                                                                                      ै

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                                                                                                            े
                          ्
    नचरल  डटॉ स  स टम म बाधा प चना  वाभा वक ह। इसी कारण शरीर स इन टॉ  स स को  नकालन क  लए
                                                                                   े
                                                            ै
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                                                                                                  ्
                                         ं

    अ य  बाहरी  तरीक   को  अमल  म  लाना  ज री  हो  जाता  ह।उ लखनीय  ह   क  टॉ  स स  का  जमाव  न   सफ

                                                                                                  ्
                                                                          े
                                                                                   ै
                                                                    ै
    को शका   क   सरचना  और  काय मता  को   भा वत  करता  ह,  ब  क  कई  बीमा रय ,  मसलन   ो नक  फ टग
                                                                       ै

                       ं
                                                                े
                                                                            े
                                                                                         े

                                                                                    ु
                                           ू
    (थकान), फाइ ोमाय  जया, ऑटोइ यन  डसऑडस, माइ न, समय स पहल बढाप का आना; क  जयत, डाय रया
                                                  ्
                                                                                  े

    और गस जसी पाचन-त  स जड़ी गड़ब ड़य ;  वचा रोग, पीठ दद, गदन दद, फड एलज  आ द का कारण भी बनता


           ै
                                                                                   ू
                                े

                                   ु
                ै
                            ं
    ह। अ   सहत और एनज  क  लए ज री ह  क हम  नय मत तौर पर शरीर क   ल  जग करत रह, ता क खान-
                                                   ै
                                   े

                 े
                                                                                                       े

      ै
                                                                       ्
    पान व रहन-सहन क  गड़ब ड़य  क चलत शरीर म जमा टॉ  स स को  नकाला जा सक। इसक  लए ज री ह  क

                                                                                             े
                                                                                                     े
                                               े
                                        े
                                                                                                                    ै
                                 े


                                                                                                ु
                                                                 े
    हम  ऑग नक  आहार  का  सवन  कर,  घर  और  काय- ल  क  वातावरण  को  साफ  और  श   जल  का   योग  कर।


                                                   े
    रासाय नक पदाथ  स बनी व त  को कम स कम इ तमाल म लाएं।  नय मत  ायाम,  यान,  ाणयाम आ द को
                         े
                                                             े
                                    ु

                                                                                                             ं
    अमल म लाकर तनाव स बच। ऐसा करन स शरीर क ए स  टरी  स टम (मल-म , पसीना,  सन त  आ द क                                   े
                                                  े
                                               े
                                                                                         ु
                                                           े

                              े


                                        ु
    साथ-साथ    य  म माहवारी स जड़ा  स टम भी) को भी शत-  तशत  व  रहन म मदद  मलती ह।  ल  जग
                                     े


                                                                                                             ै
                                                                                          े
                                     े

                                                                                                       ु
                       े
                                                                       ै
    यानी  डटॉ  स फकशन शरीर क श  करण क   ाचीन    या ह जो चीनी और भारतीय (आयव दक)  च क सा
                                                                े
                                                                                                  े


                                      ै
     वधा का एक अहम  ह सा रही ह।   नया भर म स दय  स यह  वधा, अलग-अलग तरीक  स अमल म लायी जाती
                        ्
                                         े
                                                                                               े
                                                                                                      े
                                                                           ू
    रही ह। शरीर को  डटॉ स कर, उस आव यक पोषक त व  क  आप त कर बीमा रय  स बचान और  वा य को
          ै

    उ तम  तर पर ल जान का काय  डटॉ  स फकशन स ही सभव ह और यह मम कन तभी ह जब पाचन-त ,  लवर,
                                                                                                               ं
                             े

                                                                 ं
                                                                                   ु
                                                           े
                                                    े
                       े
                                                                       ै
                                                                                                 ै
                                                                                          े
                                                                                                             ्
    गॉल- लडर,  कडनी आ द क   नय मत  ल  जग क  जाए, टॉ  स स क साथ-साथ मटल और परासाइटस आ द स                                े
                                                                            े
                                                                         ्
            ै
                                                                                                      ै


    शरीर को  नजात  दलायी जाए। म यहा उपय  अग  क   ल  जग पर  वशष जोर इस लए द रहा  ,  य  क शरीर

                                                  ु
                                                                                                  े
                                            ं
                                                                                 े
                                                       ं
                                                                                                          ं
      े

                                                                                                       े
    क  लए ज री पोषक त व  का ‘ए जॉवशन’ और  वषल त व  का ‘ए ल मनशन’ इनक ज रए ही होता ह।
                                                                                          े
                                                                                े
                                                            े
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                                                                                                            ै
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