Page 21 - Spagyric Therapy Part- 1st (5)
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⦁ पुअर ए ल मनेषन
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   हमार शरीर क व ट  रमवल या ए स  टरी  स टम म आत ,  कडनी,  वचा क  छ  ,  लवर और फफड़  का समावश
                                                             ँ

                                                                                  ू
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   ह। य द इनम स कोई एक भी अग-  यग सही ढ़ग स काम न कर रहा हो तो परी ‘व ट  रमवल’    या  भा वत होती
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   ह,  लहाजा शरीर म टॉ  स स क  मा ा बढ़न लगती ह। य टॉ  स स शरीर क स म स यलर  स टम स लकर अ य
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    सर   स ट स  (नवस   स टम  आ द)  को  नकसान  प चा  सकत  ह।  इनक  कारण  शरीर  क   मर मत   मता  कमजोर
                                                                    े
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   होकर  हम  सास  क    ग ,  शरीर  क   बदब,  पीली   न तज   वचा,  थकान  जसी  कई  सम या   स   ब   होना  पड़
                                                                                 ै
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                                                        ू
   सकता ह। उदाहरण क तौर पर, आप सभी न महसस  कया होगा  क एक नवजात ब  क शरीर स एक अलग ही
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                                                                                                   ै
                                                                        ै
   मनभावन गध आती ह। जब तक ब ा मा क  ध पर  नभर रहता ह, यह गध बरकरार रहती ह।  सरी तरफ फामला
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                                                                                ं
                                                े
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                                       े
    म क पर आ  त ब  क शरीर स इतनी  यारी गध नह  आती। वह , ब ा जब पका खाना खान लगता ह, उसक                                  े
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                                                                                                   ै
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                                                  े
   शरीर स आनवाली गध बदलन लगती ह। उसक यरीन और मल स बदब आनी श  हो जाती ह। इसी तरह मासाहारी
                                                                                     ु
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    ाणीय , मसलन- चीता, त आ आ द क शरीर स असहनीय तज गध आती ह, जब क शाकाहारी  ाणीय , जस  क गाय
                                                                                ै
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                                                                                                               ै

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   व भस क शरीर क  गध इतनी तज नह  होती।  च ड़याघर चल जाइए, इस स ाई का अनभव आप  वय कर सकत ह।
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                                                                                                           ं
                                                                 े

    ह    ऑफ क कग !

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                                                                                                        ै
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                                                  े
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   भोजन  पकान  क   श आत  कब  और  कहा  स   ई,  इसक   कोई  प ता  जानकारी  अपल   नह   ह।  आ दमानव   न                       े

                                                                                                 े
   इ फाकन पक भोजन का  वाद  लया था। माना जाता ह  क जगल म लगी आग क चलत जल पश का मास उ ह
                                                                                         े
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   चबान म सरल,  यादा  वा द  और आसानी स पचन वाला जान पड़ा होगा। इसक बाद उ ह न मास को भनना श
                                                                                                    े
                                                                                       े
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                                                                                       े
    कया। प ल ल थक काल (पाषाण यग, 32,000 बीसी स 26,000 बीसी) क पहल तक मास को भनना ही एक मा
                                                                                े
                                                                                                        ु
                                                                                               ं
                                       ु

   पाक-कला थी। प ल ल थक यग क  श आत म द  णी  ास क पाषाण मानव  न गीली प  य  म अनाज को लपटकर
                    ै

                                                              ं
                                                                                                                    े
                                                                  े
                                                                                     े
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                                                                                              े
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                                                                                                          े


   उस गम  चगा रय  म पकान क  श आत क ।  फर  नयो ल थक काल क दौरान,  म   क बरतन  क आ व कार क                                 े
      े
                           े

   पहल तक, खाना पकान क     या म कछ  यादा सधार नह  आया। जगल  म उ प  अ  को च ान  पर रखकर या
                                            ु
                                                         ु
                                                                            ं
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                                                                                                             े

    फर शख खोपड़ी या खोखल प र  म रखकर आग म या गम पानी म झरन  म पकाया जाता था।  म   क बरतन  क

                                े
   खोज क बाद पाक- व ध म तजी स  वकास  आ। पका खाना क  अनाज क  ब न बत मलायम होता था  जसस छोट                                े

                                                                                                                    े
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                                                                      े
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                                                                                              ु
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   ब    व  बजग   को  उस  चबान  म  स वधा  रहती  थी।  नतीजा  यह   आ   क  धीर-धीर  मानव  को  मजबत  जबड़   क
                                                                                          े
                                                                                     े
                            े

                                   े
                                                                                                            ू
                                                                                               े
   आव यकता नह  रही। दात  क  स या भी 44 स घटकर 32 हो गयी। उसस  सर और चहर क  सरचना म बदलाव
                                                                                                         ं
                                                                                                  े
                                                                                  े
                                      ं
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                                                   ै
                                                     े
                           े
       े
   होन लगा, और धीर-धीर वह ऐसा  दखन लगा जस  क आज हम ह।
                      े
    या पका खाना सचमच आसानी स पच जाता ह?
                                                               ै
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                                               े
                                                                                                           ु

                                       े
                                                                                    ु
   एक  गाजर  ल  और  अ    तरह  स  चबाकर  खा  ल।  अगली  बार  कोई  तला-भना  ल।  आप  खद  अनभव  करग   क


                                                                                                                     े

                                                                                                    ु
   ब न बत तल खान क, क ी गाजर बड़ी आसानी स पच गयी। इसी तरह एक क ा अडा ल और उस तोड़ क खा ल,
                                                                                                          े
                      े
                        े
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                                                      ं
    सरी बार अड को उबालकर या  ाई  कए गए अड को पचन म काफ  व  लगा। बहरहाल, आजकल हम जो खाना
                                                                                                                   ै

   खा रह ह, वह  वाद को  यान म रखकर ही पकाया जाता ह-  ाइड, मसालदार वगरह। अब हमार भोजन म नस गक
                                                               ै
                                                                                                      े




                                                                               े
                                                                                       ै

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                                                    े
          े
    प स उगायी गई अ कालाइन हरी स  जया न क बराबर रह गयी ह और हम पका, तला-भना, ए स डक खाना खा रह                            े


                                                              ै
   ह। मसलन-चपाती,  ाई क   ई स जी या मटन/ चकन वगरह; समोसा, वड़ा,  प ा, बगर आ द।
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