Page 22 - Spagyric Therapy Part- 1st (5)
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क त क नयम
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कदरत न पड़-पौध , पश समत हम सभी को कछ इस तरह का बनाया ह क हमारा वकास एक नधा रत समय म
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और नधा रत ग त स हो। क त न हमार शरीर क भीतर ही ज री हारमो स क नमाण क व ा क , ता क हमारा
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शारी रक वकास अपनी नधा रत ग त स होता रह। इसी तरह पड़-पौध क वकास क लए पश क गोबर स बनी
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खाद ही उ चत ह। यह वकास कसी भी तरह क क मकल, मसलन प टसाइडस, फ टलाइजस, ोथ हारमो स वगरह
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क इ तमाल क बगर होनी चा हए। ल कन हम ह क कदरत क नयम को ताक पर रखकर अ धक उपज क लए
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नकसानदह क मक स और हारमो स को योग म ला रह ह। इस तरह स उगाय गए अनाज और स जय म टॉ स स ्
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को योग म ला रह ह। इस तरह स उगाय गए अनाज और स जय म टॉ स स क मा ा यादा रहती ह। यही हाल
जन टकली मॉ डफाइड फसल का ह। पदावार व आकार बढ़ान क यास म उनक आव यक त व हटा दए जात ह,
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जसस उनक पोषकता कम हो जाती ह जस क बीज र हत अगर।
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कदरत क कारीगरी का बहतरीन नमना- हमारा शरीर
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हमारा शरीर नया क सबस बहतरीन इजी नयर यानी ‘मदर नचर’ ारा बनाया गया ह। इसम सधार क कोई गजाइश
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नह ह। अलावा इसक यह खदब-खद अपनी मर मत करन म स म ह। ऐसा कोई सरा इजी नयर ह जसक बनायी
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मशीन भला खद मर मत कर सकती हो? म सडीज मबक एस-650 सलन आज ऑटोमोबाइल इजी नय रग का एक
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बहतरीन नमना मानी जाती ह। लगभग 3 करोड़ 25 लाख क क मत वाली इस कार म 4.6 लटर क मता वाला
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अ8 इजन लगा ह। यह इजन 455 इीच पॉवर का नमाण करता ह। महज 1800 तचउ म 700छउ क टॉक नमाण
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क मता रखता ह। 9ळ ॉ नक ऑटोम टक ास मशन, आध नक इल ॉ नक क, न क ोल स टम, हीकल
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‘या’ क नगरानी क लए अलग-अलग हील क ोल, एयरम टक स शन, ड ॉ नक रडार ज क ोल और
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पाक ॉ नक स टम, इ ा रड नाइट वजन, ऑटोम टक श ड लायमट स टम आ द इसक ख बया ह। ल कन
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सोचन वाली बात यह ह क म सडीज का यह मॉडल तकनीक तौर पर कतना ही एडवास य ना हो, आनवाल 5
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साल म य सारी तकनीक परानी पड़ जायगी। नयी तकनीक खोज क साथ कोई नया मॉडल आयगा। इसी तरह,
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आज स 25 साल पहल वडोज ‘95’ एक क टग एज सॉ टवयर आ करता था, अ याध नक; ल कन साल-दर-साल
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इसक जगह इसक नय वजन आत गए, कोई नया ‘क टग एज’ सो टवयर आता गया। या हम अपन शरीर क लए
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भी कसी ऐस सधार या बदलाव क उ मीद कर सकत ह? शायद नह !
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खद करत हम अपन शरीर का शोषण !
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म, आप; हम सभी सतत अपन शरीर पर अ याचार करत रहत ह। हमार शरीर को इसका कतना खा मयाजा भगतना
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पड़ता ह, इसका हम अदाजा नह । इस म आपक एक उदाहरण क ज रए समझाता - हमम स यादातर लोग न े
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एक कटर, मोटर साइकल या कार अव य रखी होगी। नयी हो या परानी, यह आपक लए अनमोल होती ह। अगर म
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क क इसम एक बार प ोल-डीजल क बजाय म का तल भरकर चलाएं तो आपको मरी अ ल पर तरस आएगा।
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म जानता क आपक गाड़ी प ोल या डीजल पर चलती ह और म क तल क इ तमाल स आपक गाड़ी म म
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मल जायगी! इतना जानन क बाद भी हम-आप या करत ह? हमन अपन शरीर को एक ऐसा कड़ादान बना दया ह, ै
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जसम हम तरह-तरह का ‘जक’, फड क नाम पर डालत रहत ह। यह जक फड हमार शरीर को ठ क उसी तरह
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नकसान प चाता ह, जस क म का तल आपक गाड़ी को! जस तरह गसो लन इ जन वाहन क लए 97 सपर
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ऑ टन सबस बहतरीन धन होता ह, उसी तरह मदर नचर न हरी-ताजा स जय व फल को हमार शरीर क लए
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सबस यो य बनाया ह। ल कन हम वही सब खा रह ह जो हमार शरीर क लए ठ क नह ह।
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