Page 24 - Spagyric Therapy Part- 1st (5)
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समाधान
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     रग- बरगी महगी गो लय  क सवन क बगर भी  व  रहा जा सकता ह।  ल  जग थरपी म तमाम सम या  का

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                                 े
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                                                                                 े
     समाधान ह। थरपी म बताय गए  ल जज को अपनी सम या और ल ण  क  हसाब स आजमाएं और बीमारी को
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                                                                                             े
      र भगाए। इस प तक म  दए गए  ल जज क  सची  न न ल खत ह-
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                                                                         ै
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     ⦁  कडनी  ल ज
     ⦁ माउथ  ल ज
     ⦁ ए स डट   ल ज
     ⦁ यटरस  ल ज
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     ⦁ परासाइट  ल ज
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     ⦁ फ ट लट  एंड   व  ल ज
     ⦁  लवर  ल ज
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     ⦁ फलो पयन  ब  ल ज
     ⦁  वॉइट  ल ज
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     ⦁ वजाइना  ल ज
     ⦁ कोलोन  ल ज
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     ⦁ कसीव नचरल
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     वस,  ल  जग थरपी म कल 28  ल जज का उ लख ह। प तक म द  गयी तथा अ य  सरी  ल जज को पढ़न क                                े
                                                        े

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                                                                                                         े
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      लए आप हमार फसबक पज ैचलतपब ज्ीमतचल पर  व जट कर सकत ह।
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     थरपी  वद  डफरस

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                                                                  े

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                                                                                                          े
     आपन अ सर दखा होगा  क अ टरन टव थरपीज, आजमान पर, श -श  म तो शानदार नतीज दती ह, ल कन
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                                                                      ै
                                                                                                                  ं
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     एक समय बाद य आपक  उ मीद पर खरी नह  उतरत । मरीज जस ही इलाज को  क दता ह या  फर उस बद कर
                                                                                             े
                                               े
     दता ह तो उसका  वा य  बगड़कर पहल क  ही तरह हो जाता ह। दरअसल,  यादातर परपरागत थरपीज परहज
                                                                                                                     े
                                                                       ै
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                                                                                                          े
                                                                                                ं
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                                                               ं

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                                                                                                               ै
     क  बात करती ह,  लहाजा मरीज को अ सर अपनी पसद दा खान-पीन क  चीज  को छोड़ना पड़ता ह। अपनी
     पसद दा चीज  को लब समय म  लए छोड़ पाना इसान क वष म नह  ह। ऐस म इलाज क बाद जस ही वो सामा य
                                                                                              े
                                                                                  े

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                                                                                                       ै
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     खान-पान श  करता ह, सम या जस-क -तस हो जाती ह।  ल  जग थरपी यह  पर अ य थरपीज स जदा ह।
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     इसक  सफलता का राज आग बताय जा रह  वॉइटस म  छपा ह, जो  क अ सर  सरी थरपीज  ारा नजरदाज कर
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      दय जात ह-
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     ⦁  ल  जग थरपी को अमल म लान क  लए आपको अपनी लाइफ- टाइल म कोई बदलाव लान क  ज रत नह


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                                                              े

     ह। आप अपनी पसद दा चीज  को खात-पीत  ए भी इस कर सकत ह और  व  रह सकत ह।
                                                                                                      े


                                                           े
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     ⦁  ल जग थरपी म बतायी गई  लीनजज को करन क  लए ज री इ   डएंटस (साम ी) आपक अपन रसोई घर
                                                                                                             े
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     म या आस-पास क   कान  म आसानी स उपल  ह। इ ह  योग म लान म  यादा व  नह  लगता और  कसी





                                                                                 े
                                                े

     म डकल    टशनर क   नगरानी या सलाह-मशवर क  ज रत भी नह  पड़ती।
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                                                       े
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            ं
      स ात
     बीमा रय  क इलाज म  ल  जग थरपी का नज रया  ब कल हॉ ल  टक ह। रोग क ल ण  पर जोर दन क बजाय,
                                                                                                           े
                                                                                                               े
                                                                                                            े
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     यह रोग क कारक  क इलाज को मह व दती ह।  ल  जग थरपी क  मान तो बीमारी क  महज दो मलभत वजह ह-
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     ⦁ पॅा यशन; हवा म मौजद रासाय नक   षण, खाद व    षत खा  पदाथ आ द।
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     ⦁ परासाइटस या पथोज स; जस ब ट  रया, वायरस, फगी आ द।
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