Page 23 - Spagyric Therapy Part- 1st (5)
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यहा यह भी गौरतलब ह क हमार रोजमरा क जीवन का ह सा बन चक हमारी गाड़ी जब खराब हो जाती ह और
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उस मर मत क ज रत होती ह, तो मामली खा मय मसलन ाक लग म फाउल आ द क मर मत क लए हम
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उस सड़क पर बठ कसी मक नक क पास ल जात ह, ऑटोमोबाइल इजी नयर क पास नह ! कसी ऑटोमोबाइल
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इजी नयर स गाड़ी क डजाइन करन क उ मीद क जाती ह, उस उसक मक नकल असबली या पर नगरानी
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रखन क ज मदारी द जा सकती ह, कटर क छोट -मोट खा मय क ती का काम नह । इसी तरह शरीर क
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90 फ सद बीमा रया घर बठ, ल जग थरपी क ज रए ठ क हो सकती ह। इनक लए हम कसी श ल ट या
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सपर- श ल ट डॉ टर क ज रत नह होती। श ल ट डॉ टर क डमाड बढ़न क पीछ कह ना कह यातायात
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क स वधा का अ य धक वकास होना ह। यही कोई 150 साल पहल; रल, बस और कार आ द क आ व कार स े
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पव, दश का यक गाव अपन आप म आ म नभर होता था। इनम अलग-अलग यो यता वाल लोग होत थ। जस े
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मोची, दज , लोहार, व आ द। समाज म सबका अपना अलग-अलग काय और अहम ान होता था। लोग को
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उनक ज रत क सामान और स वधाएं गाव म ही मल जाती थी। बीमार होन पर लोग गाव क ही व क पास
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प च जात थ और ‘दशी इलाज’ स ठ क हो जात थ। ल कन यातायात क स वधा का वकास होत ही लोग एक
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जगह स सरी जगह जान लग और डॉ टर क माग बढ़ गयी। ऑटोमोबाइल इजी नयस क तरह श ल ट
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डॉ टर भी बीमारी को गहराई स समझत ह, ल कन अ सर वो बीमारी क बजाय उसक ल ण पर ही यान दत ह।
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इस लए, कसी श ल ट डॉ टर स मशवरा लकर आप अ जी क कछ क ठन नय श द स तो ज र वा कफ हो
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जायग, ल कन आपक बीमारी का इलाज हो ही जाएगा, यह ज री नह ह। आपको कई तरह क ट ट करान क
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सलाह द द जायगी, आप कई रग- बरगी गो लया नगलन लगग। कल मलाकर आपक जब ज र ह क हो
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जायगी, बीमारी शायद नह । सफ इतना ही नह , जब आपका डॉ टर आपको आठ घट क अतर स तीन गो लय क े
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सवन क सलाह दता ह तो या आपको इस बात का अदाजा होता ह क यह आपक लए सही डोज ह या नह ?
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अलग-अलग लोग का मटाबॉ लक ोसस पहर-दर-पहर अलग-अलग होता ह। दोपहर म यह सबस तज होता ह ै
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तो रात का सबस कम। इसी तरह, य द एक मरीज का वनज 45 क ा हो और सर का 90 क ा ह, तो एक ही
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पोटसी क दवा का असर उन पर समान प स कस हो सकता ह? दरअसल, पव नधा रत डोज स डॉ टर को
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स वधा हो सकती ह, मरीज को फायदा नही होता। उ ट इसक कई बर प रणाम दखन को मल सकत ह। रोग क े
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ल ण स शायद नजात मल जाए, पर दवा क सवन क चलत शरीर म न न ल खत साइड-इफ टस दखन को
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मल सकत ह-
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⦁ आख क नीच काल ध ब े ⦁ बलड शर क गड़बड़ी
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⦁ आत व गल स ली डग ⦁ लवर का फल होना
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⦁ शरीर म सजन ⦁ वनज घटना/बढ़ना
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⦁ ह य क कमजोरी ⦁ न द न आना आ द
⦁ बड़ी आत क सजन या कोलाइ टस
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⦁ डमटाइ टस
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⦁ दात पर दाग-ध ब े
⦁ डाय रया
⦁ हपटाइ टस और जा डस
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⦁ बदहजमी
⦁ कडनी क सम या
⦁ भख न लगना
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⦁ उ ट - मतली
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⦁ वचा पर रशज