Page 26 - Spagyric Therapy Part- 1st (5)
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ल  जग थरपी करन वाल  को चा हए  क व सग धत व क  म रसायन  स बन  साधन , मसलन हयर ऑयल, श ,                                ू
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   साबन आ द को  योग म न लाय। इनका कोई लाभ नह  ह। बस आकषण को बढ़ान क उ  य स इ ह  योग म लाया

                                                                                               े
                                                                              े
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   जाता ह। इनक लब समय तक  योग स शरीर म टॉ  स स का जमाव होन लगता ह।  ल  जग    या क दौरान आप
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                                                                                       ै
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   इस तरह क  ोड टस क  बजा सर  त हो मयोप थक या हबल उ पाद  का ही  योग कर तो बहतर होगा।
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   ⦁कम खच, लाभ  यादा

   इलाज क खच म  सफ डॉ टर क  फ स और दवा  क  क मत ही नह  शा मल होती। इसम डॉ टर क यहा आन-




                                                                                                             े
                                                                                                                  ं
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   जान  का  खच,  छ    का  खचा  आ द  का  भी  शमार  ह।  ज रत  पड़न  पर  पथोलॉ जकल  ट ट,  सक   ओ प नयन,
                                                                                                       े
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    श ल ट कस टशन, हॉ  टलाइजशन आ द का खच तो कमर ही तोड़ दता ह।  ल  जग थरपी म  सफ इ   डएंटस

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                                                                                                                 े
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   पर ही खच आता ह, जो क आपक आसपास बड़ी आसानी स और स त म उपल  ह।
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    ल  जग थरपी क फायद             े
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   ⦁  लड,  कडनी,  लवर,  वॉइटस और शरीर क अ य अग  क  सफाई होन स  वा य म अ  या शत सधार आता ह।

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   ⦁ र  का  वाह और पोषक त व क  आप त बढ़ जान स  दमागी और शारी रक स  यता बढ़ जाती ह।

   ⦁ आत  म जमा टॉ  स स, व ट और ब ट  रया क  सफाई हो पाचन म सधार होता ह।
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   ⦁ शरीर म जमा अ त र   यकस साफ हो जकड़न  र होती ह।
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   ⦁  लवर  ल ज और उसक बाद उ चत तरीक स फट  ल ज कर, आप अपना वनज 10  क ा तक घटा सकत ह। फट
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    ल ज क   व तत जानकारी क  लए मर ह  वो लय टर स या मर स फोन पर स क कर।
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   ⦁  ल  जग थरपी हाम न सतलन बनाती ह और रोग   तरोधी  मता म सधार लाती ह।
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   अ कोहल, कफ न,  नको टन आ द क  लत कम हो जाती ह।
   शका-समाधान
      ं


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   1. आप कहत ह  क  वा य अनमोल ह, इस लए हम हमशा   नया क सव   डॉ टर स ही इलाज करवाना

   चा हए। ल कन हम उस कस ढढ़?
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   आपक  लए आपक  वा य स बढ़कर कोई सप   नह  ह।    डॉ टर वह ह जो आपक  सम या  को- शारीरक,
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   मान सक और आ या  मक  तर पर समझ सक। सम या क कारण  या ह? उसक होन पर आप म  या ल ण नजर

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                                                                                           े
                                                                          े
   आत ह?  या उपाय करन पर आपको राहत  मलती ह?  कस तरह क खान-पान और वातावरण स आपका  वा य
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                              े
                                                                                                        े
                                                          ै

    भा वत होता ह? ऐस अनक सवाल ह  जनक  जानकारी आप स बहतर  कसी और को नह  ह। इस लए आप खद
                                                                         े
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                                                                                                                       ु
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   अपन  लए    डॉ टर ह। ’अपना इलाज अपन हाथ’ कर और  व  रह।

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   2. या आप इलाज क एलोपथी तरीक क  खलाफ ह?
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    ब कल  नह ,  उ ट  गभीर   क म  क   बीमा रय   क  इलाज,  इमरजसी  म डकल  मनजमट,  तरत  आराम  प चान  क
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    मता, सजरी और पथोलॉजी क    म म एलोपथी क योगदान का कायल  ।
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   3. या आप पथोलॉ जकल ट ट क  खलाफ ह?
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    यादातर पथोलॉ जकल ट ट शरीर को नकसान प चात ह।  फर भी बीमा रय  क  नदान (डाय नो सस) क  लए य                              े
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   ज री होत ह। इनका  योग बीमारी को जानन क उ  य स होना चा हए, न  क ‘ऐन कन  कारण’-  कसी भी तरह
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                                                                                            े
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   पसा बनान क  लए। जसा  क एक बार मर साथ  आ था। एक ही बीमारी क 48 घट क अदर स  कए गए, दो एक ही
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                                                                                           े
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   तरह क ट ट क   ब कल ‘ डफरट’  रपोटस आप मर फसबक पज या वबसाइट पर दख और पढ़ सकत ह।


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                                                                                        े
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