Page 31 - Spagyric Therapy Part- 1st (5)
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कडनी स सब धत गड़ब ड़या ं
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यह सच ह क मा एक कडनी क रहन स भी व जीवन जया जा सकता ह, परत कछ मामल म त क
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गभीरता क जानकारी हो इसस पहल ही दोन कडनी फल हो जाती ह। इस लए कडनी क वा य को भा वत
करन वाल कारण को जानकर उनका त काल इलाज करवाना आव यक ह।
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कडनी क म य सम याएं न न ल खत ह-
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⦁ कडनी फ योर
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⦁ कडनी का छोटा हो जाना आ द।
कारण
कछ मह वपण कारक, जो कडनी क वा य को भा वत करत ह-
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⦁ पका खाना
⦁ डाय बट ज और हाई लड शर
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⦁ आनव शक गड़ब ड़या ं
⦁ न ॉइ टस ( कडनी म दाह)
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⦁ कडनी डमज होना ( सर दद, पीठ दद और जोड़ क दद आ द म आराम क लए ली जानवाली ददनाशक दवा
क साइड-इफ टस क कारण)
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⦁ य रनरी ट इनफ न ( प) मसलन लडर इनफ न जो कडनी तक फल जाता ह ै
⦁ लडर स य रन क ारा कडनी क ओर जान यानी य रन क रवस लो स कडनी म घाव होना।
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ल ण
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कडनी क गड़बड़ी क शकार लोग म इसक अलग-अलग ल ण नजर आ सकत ह। आमतौर पर कड़नी क े
अ व होन पर जो श आती ल ण नजर आत ह, व न न ल खत ह-
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⦁ पीठ दद; थकान महसस करना, खासकर शाम क व
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⦁ य रन क साथ लड का आना
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⦁ पशाब क मा ा व वसी म बदलाव महसस करना, खासकर रात क समय
⦁ शर का कम या यादा होना
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⦁ कडनी क आस-पास क ह स म दद ( कडनी व म नली म पथरी क सम या आ द स)
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⦁ ह य म दद ( वटा मन क और क शयम क कमी क कारण)
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⦁ म - याग क दौरान जलन या दद महसस करना; जो कसी इ फ न का ल ण हो सकता ह ै
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⦁ आख क नीच डाक सक स, चहर, ए ड़य व वचा क अ य ह स म सजन आना, जसम वचा गहर-भर रग क
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दखती ह तला-भना और पका खाना खान व षण क चलत कडनी क काय मता कम हाती चली जाती ह।
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‘न ॉन’ र म मौजद टॉ स स को परी तरह स बाहर नह नकाल पाता, लहाजा य लड म ही इक ा होत रहत े
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ह। एक समय वह भी आता ह जब य टॉ स स छोट-छोट टोन (पथरी) का आकार ल लत ह, जनका शरीर स े
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नकल पाना बड़ा म कल हो जाता ह। कडनी ल ज स य टोन डजॉ व हो जात ह और बड़ी आसानी स शरीर स े
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बाहर नकल आत ह। यही नह , कडनी ल ज स कडनी क अद नी सफाई हो, कडनी व लड म जमा टॉ स स ्
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क भी बाहर नकलत दर नह लगत । इसस न सफ कडनी क काय मता बढ़ती ह ब क परा शरीर बहतर ढ़ग स े
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काय करन लगता ह।