Page 33 - Spagyric Therapy Part- 1st (5)
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   काढ़ा बनान क     या
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                                                                                           े

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   उपयु   बताय गए चार  पदाथ - भु  क बाल, तरबूज क बीज (कट  ए) पास ली या ध नया प ी म स  कसी एक को ल। काढ़ा बनान क           े
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                                    े
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    लए य द आप कॉन  स क लेत ह तो उस एक  लटर साफ पानी म डालकर दस  मनट तक उबाल। इसस भु  क बाल  म मौजूद  कडनी क              े

    ल  ज ग म सहायक औषधीय गुण पानी म उतर आत ह। अब इस पानी को छान कर  कसी  सर बरतन म अलग करक रख ल और भु  क                 े
                                                                                      े
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   बाल  को ताजा पानी क साथ  फर दस  मनट क  लए उबाल। एक बार  फर पहल क  तरह पानी को छान कर उसी बरतन म रख ल,  जसम

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   पहली बार क काढ़ को रखा गया था। भु  क बाल  को उबालन क  यह    या तब तक (अमूमन तीन या चार बार) आजमाएं जब तक  क
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   काढ़ का रंग फ का न पड़ जाय। ऐसा हो जान पर भु  क उबल बाल  को फक द और औषधीय पानी (काढ़) स भर बरतन को कछ समय क              े
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    लए   र रख द। अब सावधानीपूव क बरतन म ऐस पलट  क बरतन म कवल काढ़ा ही  गर, बरतन क  तली म जमा  म   व कचरानुमा

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   पदाथ नह । इस कचर को फक द।  कडनी  ल ज क  लए साफ काढ़ को औष ध क  प म  योग म लाय। पास ली, ध नया और तरबूज क                े

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   बीज को उबालन क  लय 250  मली क  मा ा म पानी ल। इ ह मा  दो बार उबालना होता ह। पानी क  मा ा का  नण य आप  वंय ल। काढ़       े
   का  भाव पानी क  मा ा पर नह , ब  क उसक गाढ़पन पर  नभ र करता ह।   ै
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   डोजेज


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                                                                               े
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   भु  क बाल  स बन काढ़ को एक स दो  लटर क  मा ा म  दन म तीन-चार या उसस अ धक बार पीय।  सर पदाथ  स बन काढ को
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   तद्नुसार ल। खुल वातावरण म रखन स काढ़ क खराब होन का खतरा रहता ह, इस लए इस रे  जरेटर म ही रख। काढ़ को  यादा एक या


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   डढ़  दन तक   ज म रखा जा सकता ह।   ज म रखन पर य गाढ़ा हो सकता ह,ले कन इसस उसेक औषधीय गुण  म कोई कमी नह

   आती। अगर आपको ठडा काढ़ा पीन म क ठनाई पेश आती ह तो आप उस आव यकतानुसान पुनः ह का गम कर सकत ह।

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    या होता ह काढ़ा सेवन क बाद?
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                                   े
   यू रन क  मा ा और यू रन पास करन क     व सी, अ ायी तौर पर, अचानक बढ़ जाती ह। दरअसल, हमार खान-पान और आधु नक
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   जीवनशौली क चलत जो टॉ  स स हमार शरीर म जमा होत ह, व र  म ही  मल होत ह। य टॉ  स स शरीर को  यादा नुकसान नह  प ंचा
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                                                                        े
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   पाय, इस लए शरीर इ ह पानी म जमा करक रखता ह। इस जमाव स र  कम पानी क  मा ा बढ़ जाती ह,  जस ‘इ डमा’ कहा जाता ह।
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   ऐसा होन पर     का वनज बढ़ जाता ह और चेहर, पैर  आ द म सूजन नजर आती ह। औषधीय काढ़ क सेवन क बाद र  म जमा
                                                                                 ै
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   टॉ  स स क शरीर स बाहर  नकलन क     या म तेजी आती ह। इसी क चलत अ त र  जमा पानी भी र -  वाह स बाहर  नकल जाता
   ह,  जसस यू रन क  मा ा और    व सी बढ़ जाती ह। यही वजह ह  क  कडनी  ल ज क बाद     अपना वनज घटा  आ पाता ह।
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   औषधीय काढ़ क सेवन क बाद लगभग सौ म स एक मरीज को  मतली क  और तीन मरीज  को पेट म ह क दद क   शकायत महसूस होती
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   ह। उ  दोन  ही सम याएं गंभीर नह  होत ।  कडनी  ल ज क     या क दौरान ‘न ॉ स’ क अ य धक स  य होन क  वजह स ऐसा होता
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   ह। दद खुद-ब-खुद एक स दो घंट म गायब हो जाता ह और इसक  लए  कसी भी तरह क  दवालेन क  ज रत नह  पड़ती। इस पूरी    या
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   का कोई भी साइड-इफ ट नह  ह और    या पूरी होन क बाद मरीज खुद को  ब कल तरो-ताजा व चु त-फत महसूस करता ह।
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    कडनी  ल ज क फायद           े
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    कडनी  ल ज    या म एक स डढ़  दन स अ धक का समय नह  लगता और    या पूरी होत ही मरीज  वय म  न न ल खत बदलाव  का
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   अनुभव करता ह- ै
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   ⦁  कडनी  टोन (पथरी) स मु
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   ⦁ चेहर पर तरो-ताजगी आ जाती ह,  वचा चमकदार व  नखरी  ई  दखाई दती ह और आँख  क नीच क डाक सक स गायब हो जात ह
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   ⦁ शरीर म एनज  का  तर बढ़ जाता ह,  लहाजा काय  मता बढ़ जाती ह    ै
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   ⦁ र  म हीमो लो बन का  तर बढ़ जाता ह  ै

   ⦁ अ   न द आती ह   ै


   ⦁ शरीर म क  शयम क  मा ा बढ़ जाती ह, जो  क ऑ  टयोपोरो सस क  रोकथाम म बेहद  भावी ह      ै
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   ⦁  कडनी, र  और शरीर म जमा  वषैल त व शरीर स बाहर  नकल जात ह      ै

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   ⦁  लड ेशर  नयं ण म रहता ह (मामूली ‘लो’ और मामूली ‘हाई’  लड ेशर क   शकायत तो  र ही हो जाती ह) ै
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   ⦁ पीठ दद और शरीर दद स राहत  मलती ह   ै
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   ⦁ म हला  म माहवारी पूव नजर आन वाल ल ण  (चतम.उमदजतनस ेलदकतवउम) व अ य गायनेक सम या  म लाभ होता ह                ै
   ⦁ पौ ष  ं थ क  सम या व ‘बेड वे ट ग’ आ द स छटकारा  मलता ह ।
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