Page 155 - Gyananda YearBook 2022-23
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आका ा
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·म एक लड़क , अ हड़ सी ,
न जान कहा खो जाती बस चलती ही जाती |
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न रा ता , न ठकान बस एक सोच और कछ याद ,
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पख लगाकर उड़ जाऊगी सबको पीछ छोड़ जाऊगी |
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कई कावट, कई म कल ,
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सबस लड़कर बढ़ती जाऊगी बस चलती ही जाऊगी |
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हवा मझ पीछ ख च, पानी का बहाव बहा द धप क करण कमजोर कर ,
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इन सब क ताकत को अपना ह थयार बनाऊगी |
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बस चलती ही जाऊगी ,सपन क पख लगा कर म जल अपनी पाऊगी, कड़ी महनत को सीढ़ बनाकर चाद
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पर अपना घर बसाऊगी |
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दव योत ,क ा -9
बस चलती ही जाऊगी ||
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