Page 152 - Gyananda YearBook 2022-23
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150                                        अनमोल वचन








            1) हजार  खोखल श द  स अ ा वह एक श द ह जो शा त लाए ।
                                   े
                            े
                                                              ं
                                                       ै
            2)  जस  कार सय  वय जलकर  काश फलाता ह, उसी  कार अथक  यास स ही सफलता हा सल होती ह |
                                                                                 े
                                                 ै
                                                                                                          ै
                                                        ै

                           ू
                                 ं
            3) ग  कवल आपको  श ा द सकता ह उसका उपयोग कस करना ह यह आपक ऊपर  नभर करता ह |
                                                              ै
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                                                                                  े
                                                                                                     ै

                                                                        ै
                                                                 े
            4) सफलता का कोई म  नह  ह, यह तो  सफ प र म का फल ह |

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                                                                     ै
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            5) य द आप वही करत ह जो आप हमशा स करत आए  ह, तो आपको उतना ही  मलगा जो हमशा स  मलता आया ह |

                                े

                                                                                                                  ै
                                                                                      े
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                                                                                                    े
                                                                                               े
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                                                                                                              े
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                                                                                       े

            6)  ज़दगी एक खल ह य द तम इस  खलाड़ी क  तरह खलत हो तो जीत सकत हो । ल कन य द दशक क  तरह दखत               े
                                                                 े
                            े
                                ै
            हो तो  सफ ताली बजा सकत हो या  खी: हो सकत हो पर जीत नह  सकत |
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                                                         े
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            7) अपनी ख़राब आदत  पर  वजयी हा सल करन स  यादा आनद इस जीवन म और कछ नही होता ।
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                                                                                           आ द ी पडीर , क ा 9
                                                                                                    ुं
        मता  का दम (एक कहानी )

                                                                   ु

                 वन म एक बरगद का घना सा पड़ था। उसक  छाया म मधम  खय  न छ ा बना रखा था

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                                                                             े
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                 । उस पड़ पर एक कबतर भी रहता था। वह अ सर मधम  खय  को नीचा और हीन
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                 समझता था। उसक बात  स एक मधम खी  खी  हो जाती थी और वह कबतर स अपनी
                                                                                  ू
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                 जान बचाती  फरती थी | एक   दन एक  शकारी दोपहर म उसी पड़ क नीच आराम करन        े
                                                                                  े
                                                                             े

                                                                         े
                 क  लए  का । पड़ पर बठ कबतर को दखकर उसक मह म पानी आ गया। वह धनष बाण
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                 उठाकर कबतर पर  नशाना लगाकर बाण चलान वाला ही था  क एक मधम खी न उसक
                          ं
                 बाज पर डक मार  दया।  शकारी का तीर कबतर क पास स  र  नकल गया। उसन बाज         ू
                                                                                        े
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                                                                                        े
                                                                                ु
                                                           ु
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                 पकड़कर बठ  शकारी को दखकर बाक  का अनमान लगा  लया। उस मधम खी क छ               े
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                 म लौटत ही उसन सबस पहल सारी मधम  खय  स  मा मागी और भ व य म  कसी क

                                                   ु

                                                               ू
                  मता को कम न समझन क  कसम खायी | अब कबतर उन मधम  खय  क  म  बन
                                       े
                                                                         ु
                                                                                   े
                 चका था।
                   ु
                                                           आरनवी  सह और  या गग ,क ा-9


                                                                               े
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