Page 147 - Gyananda YearBook 2022-23
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ब टया 145
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एक यारा सा एहसास होती ह ब टया ँ
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ल मी का वरदान ह ब टया
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पता क शान और मा का अ भमान होती ह ब टया ँ
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घर क शान होती ह ब टया ँ
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ज़ री नह क चराग़ स ही रोशन हो जहा ँ
घर म उजाल क लए काफ ह ब टया
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हर घर का स मान होती ह ब टया ँ
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मन का व ास और जीन क आस होती ह ब टया ँ
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अपनी होकर भी पराईमानीजातीह ै
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तभी तो मा क परछाई मानी जातीह ब टया ँ
सबह क करण बनकर, शाम क रौनक़
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बनकर
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घर जगमग करती ह , य ब टया ँ
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खदा महफज़ रख इ ह हर ख क परछाई स े
इस लए कछ ख़ास होती ह य ब टया ँ
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हर कसी क क मत म कहा होती ह ब टया ँ
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बचपन ख़दा क नमत ह य ब टया ँ
ब टया तो घर क महमान होती ह
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इस बात स सदा अनजान होती ह य ब टया
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चाद क चमक और सरज का तज होती ह ब टया ँ
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लाख म एक होती ह य ब टया ँ
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कहा गया वो बचपन मरा , अ ता माथर, क ा-8
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जसम बा रश क कारण ,छ होन पर करत थ उछल –कद,
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फर सवर बठ कर , दखत थ शन –चान काटन ू
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कहा गया वो बचपन मरा ,
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सफ बफ क गोल क ही फ थी ,
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बा क हर समय म ब फ ही रहती थी |
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या आ जो अचानक स सब बदल गया ,
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अब मला जान का सपना , सपना ही रह गया |
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य इन न ह कध पर डाला इतना बोझ ,
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जसम करन लगी थी म बचपन क खोज |
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इस ही बीच वो गायब सा हो गया ,
अब खद स सफ एक ही सवाल रह गया …
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कहा गया वो बचपन मरा ,
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कहा गया वो बचपन मरा ,
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कहा गया वो बचपन मरा …………
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रदम डडोना,क ा -7 रदम डडोना, क ा -7
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