Page 142 - Gyananda YearBook 2022-23
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                                                                                 ँ










                                                                   भगवान का  सरा  प ह मा ,
                                                                                           ँ
                                                                                         ै
                                                                   उनक  लए दग जान ,
                                                                       े

                                                                                े
                                                                   स कार वह हम  सखलाती,
                                                                     ं

                                                                   अ ा बरा हम बतलाती ,
                                                                           ु

                                                                   हमारी गल तय  को सधारती ,
                                                                                      ु
                                                                    यार वह हम पर बरसाती |
                                                                                       त बयत हमारी जब  बगड़
                                                                                       जाती ,

                                                                                       रात भर मा पलक न झपकाती,
                                                                                                      े
                                                                                                 ँ
                                                                                       हमारी खशी म खश हो जाती ,

                                                                                               ु
                                                                                                      ु
                                                                                        ख म हमारी आस बहाती |
                                                                                                      ँ

                                                                                                        ू
                                                                         ँ
                                                                                           ू
                                                                           े
       मरी  यारी मा                                                    मा क  बना जीवन अधरा ,
                                     ँ
            े
                                                                       खाली –खाली सना-सना ,
                                                                                      ू
                                                                                          ू
                                                                          कतन खश नसीब ह ,
                                                                                           ै
                                                                              े
                                                                                 ु
                                                                   हम सब ,पास हमारी ह ,  यारी मा |
                                                                                                ँ
                                                                                       ै
                                                                                       अला या  सर वाल , क ा-3
       यारी – यारी मरी मा ,
                    े
                        ँ
       यारी – यारी मरी मा ,
                    े
                        ँ
      सार जग स  यारी मा |
                े
          े
                        ँ
                             लोरी रोज सनती ह ,
                                             ै
                                       ु
                            थपक  द सलाती ह ,
                                            ै
                                      ु
                                   े
                            जब उतर आगन म धप ,
                                       ँ
                                    े
                                              ू

                             यार स मझ जगाती ह |
                                      े
                                               ै
                                  े
                                    ु
      दती चीज सारी मा ,
               े
                      ँ
        े
       यारी – यारी मरी मा ,
                    े
                        ँ
      उगली पकड़ चलाती ह ,
                          ै
        ँ
      सबह –शाम घमती ह |
                   ू
                         ै
        ु
                            ममता भर  य हाथ  स ,
                                        े
                                     े
                                                े
                            खाना रोज़  खलाती ह ,
                                               ै
                             दवी जसी मरी मा
                                   ै
                              े
                                       े
                                            ँ
                             सार जग स  यारी मा |
                                               ँ
                                       े
                                े
         द वषा जन , क ा-3
                 ै
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