Page 142 - Gyananda YearBook 2022-23
P. 142
140 मा
ँ
भगवान का सरा प ह मा ,
ँ
ै
उनक लए दग जान ,
े
े
स कार वह हम सखलाती,
ं
अ ा बरा हम बतलाती ,
ु
हमारी गल तय को सधारती ,
ु
यार वह हम पर बरसाती |
त बयत हमारी जब बगड़
जाती ,
रात भर मा पलक न झपकाती,
े
ँ
हमारी खशी म खश हो जाती ,
ु
ु
ख म हमारी आस बहाती |
ँ
ू
ँ
ू
े
मरी यारी मा मा क बना जीवन अधरा ,
ँ
े
खाली –खाली सना-सना ,
ू
ू
कतन खश नसीब ह ,
ै
े
ु
हम सब ,पास हमारी ह , यारी मा |
ँ
ै
अला या सर वाल , क ा-3
यारी – यारी मरी मा ,
े
ँ
यारी – यारी मरी मा ,
े
ँ
सार जग स यारी मा |
े
े
ँ
लोरी रोज सनती ह ,
ै
ु
थपक द सलाती ह ,
ै
ु
े
जब उतर आगन म धप ,
ँ
े
ू
यार स मझ जगाती ह |
े
ै
े
ु
दती चीज सारी मा ,
े
ँ
े
यारी – यारी मरी मा ,
े
ँ
उगली पकड़ चलाती ह ,
ै
ँ
सबह –शाम घमती ह |
ू
ै
ु
ममता भर य हाथ स ,
े
े
े
खाना रोज़ खलाती ह ,
ै
दवी जसी मरी मा
ै
े
े
ँ
सार जग स यारी मा |
ँ
े
े
द वषा जन , क ा-3
ै